मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रेरणा से बिहार में इको टूरिज्म के सम्यक विकास की संभावनाओं पर पर्यटन विभाग सतत कार्यशील है। विभागीय सचिव अभय कुमार सिंह ने इको सर्किट के विकास को लेकर रोहतास के विभिन्न पर्यटन स्थलों का गुरुवार को स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पर्यटन स्थलों के विस्तृत विकास हेतु योजना बनाकर क्रियान्वयन के निर्देश दिए ताकि रोहतास के पर्यटन स्थल राज्य में इको टूरिज्म के नए डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो सके।
पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा
उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव के निर्देश पर किए गए निरीक्षण में पर्यटन सचिव सबसे पहले शेरगढ़ किले के नीचे खाली पड़ी लगभग 5 एकड़ जमीन का मुआयना किया और कहा कि शेरगढ़ किला देखने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसे देखते हुए उनके लिए और भी सुविधाएं विकसित करने की योजना पर पर्यटन विभाग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां एक वृहत इंटरटेनमेंट और एक्टिविटी जोन के निर्माण पर विचार किया जा रहा है, जहां कैफेटेरिया, झूले, रॉक क्लाइम्बिंग, गो-कार्टिंग जैसी सुविधाएं देकर पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। उन्होंने मौके पर मौजूद जिला पदाधिकारी, रोहतास धर्मेंद्र कुमार और वन प्रमंडल पदाधिकारी, रोहतास को जमीन को चिन्हित करते हुए एक सप्ताह में पर्यटन विभाग को विस्तृत विवरणी देने के निर्देश दिए। ताकि इस योजना पर अविलंब कार्य शुरू किया जा सके।
मांझर और धुआं कुंड का भी जायजा लिया
इसके बाद पर्यटन सचिव ने अधिकारियों के साथ दुर्गावती जलाशय का निरीक्षण किया। जलाशय में नौका विहार करने के बाद कहा कि यहां पूर्व से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा बड़े बोट संचालित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही यहां पर्यटन विभाग भी 4 और 6 सीटर वाले छोटे बोट संचालित करेगा, ताकि छोटे परिवार या दोस्तों के साथ आने वाली छोटी टोली भी आकर जलाशय में नौका विहार कर सके। सचिव ने मांझर और धुआं कुंड का भी जायजा लिया और कहा कि पर्यटन विभाग मांझर कुंड और धुआं कुंड के विस्तृत विकास के लिए पूरी कार्ययोजना बना चुका है। निरीक्षण के दौरान डीएम प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम नंदकिशोर, महाप्रबंधक अभिजीत कुमार, डीडीसी शेखर आनंद, डीएफओ मनीष कुमार वर्मा, अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार, डेहरी अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा सहित पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।