RANCHI: रामगढ़ रांची रोड स्थित हिरक कैम्प में रैयतों ने अपने जमीन पर जाकर गृह प्रवेश किया। साथ ही कहा कि हम जान दे देंगे पर अपनी जमीन नहीं देंगे। वह इस मामले में रुंगटा के कर्मियों का कहना है कि उन्होंने एग्रीमेंट कर जमीन ली थी इसलिए मालिकाना हक उन्हीं का है। अब इस मामले को लेकर थाने में मामला दर्ज कराया गया है। वही एक मामला कोर्ट में भी चल रहा है। इस बीच रैयत सुशील कुमार साहू, कौलेशवर साहू, अमित साहू, शिवशंकर प्रसाद, राजेश प्रसाद साहू, रविंद्र साहू, सत्येंद्र साहु ललन के परिजनों ने मौजा मरार के खाता नंबर 41 प्लॉट नंबर 1384 में 94 डिसमिल जमीन जो हीरक कैंप के अंदर है उस पर दावा किया।
नहीं हो पाया कोई निर्णय
मौके पर पहुंची रामगढ़ थाना पुलिस और रुंगटा कम्पनी के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। रैयतों के दारा जमीन सम्बंधी दस्तावेज दिखाया गया। लेकिन रुंगटा प्रबंधन के द्वारा कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया। रैयतों की बातों को सुनने के बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। रैयतों का कहना है कि सीमा सुरक्षा सड़क संगठन रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन लीज एकरारनामा के साथ मौजा मरार के खतियानी रैयत स्वर्गीय गोपी सॉव के द्वारा लीज में दिया गया था। तत्पश्चात वही जमीन को गोपी साहू के पुत्रों के द्वारा 2017 तक के लिए रजिस्टर्ड डीडऑफ लिज ब्रज किशोर उपाध्याय के नाम दिया गया। 2017 में बृज किशोर उपाध्याय की मृत्यु हो गई। इसके बाद गोपी साहू के पुत्रों के द्वारा खाली कराने गये तो पता चला कि प्रसिद्ध उद्योगपति महावीर रुंगटा के द्वारा अवैध रूप से गोपी साहू की खतियानी जमीन को अवैध रुप से कब्जा करने का प्रयास किया जाने लगा ।
2005 से रह रहे रूंगटा के स्टाफ
वहीं इस मामले में रूंगटा के लोगों का कहना है कि 2005 से ही वह लोग इस जमीन पर रह रहे हैं। एग्रीमेंट के तहत मालिकाना हक उनका है। यह लोग जबरन जमीन खाली कराने के लिए पहुंचे हैं जबकि हमने इनके परिजनों से ही यह जमीन एग्रीमेंट कराया था। साथ ही बताया कि कुछ दिन पहले इन लोगों ने कई सामान भी उठा लिया था जिसकी शिकायत थाने में की गई थी।