BOKARO : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक तथा दामोदर बचाओ आंदोलन के केंद्रीय अध्यक्ष सरयू राय ने बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के द्वारा करवाये जा रहे एसटीपी के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। सरयू राय के साथ जिप सदस्य ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह, आंदोलन के बोकारो जिला सह संयोजक श्रवण सिंह, आजसू के बेरमो प्रखंडध्यक्ष मंजूर आलम भी थे। विधायक ने ओवरब्रिज के समीप कार्य करनेवाली कंपनी भरत पटेल के द्वारा बनाये जा रहे दो नंबर एसटीपी को देखा तथा वहां मौजूद कंपनी के अभियंता राकेश से कार्य की जानकारी ली। बाद में विधायक ने कॉलोनी में बनाये गये कई एसटीपी के चैंबरों एवं उससे हो रहे गंदे पानी का बहाव, निर्माण कार्य में लग रहे ऐश के इंटों आदि को भी देखा। बाद में विधायक ने कहा कि कॉलोनी से निकलने वाली सिवरेज एवं गंदगी का नदी में बहाव पर रोक, वर्तमान में बहुत बड़ी चुनौती है। डीवीसी का बोकारो थर्मल एवं चंद्रपुरा प्रबंधन एसटीपी का निर्माण करवा रहा है, लेकिन निर्माण कार्य को करवाकर संतुष्ट हो जाना ही बहुत बड़ी बात नहीं है। कार्य के दौरान इसकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की जरुरत है।
गुणवत्ता खराब हुई तो सीबीआई जांच को लिखूंगा
विधायक सरयू राय ने कहा कि निरीक्षण के दौरान पाया कि कार्यस्थल पर डीवीसी का कोई भी अधिकारी या इंजीनियर मौजूद नहीं है। कंपनी के लोग ही कार्य को करवा रहें हैं। उन्होंने कहा कि एसटीपी का कार्य ज्यादातर स्थानों पर ठेकेदार एवं अधिकारियों की कमाई का जरिया बना हुआ है। विधायक ने कहा कि एसटीपी का निर्माण कार्य जमीन के नीचे होता है। कार्य की गुणवत्ता से खिलवाड़ होने की स्थिति में जब इसे दुबारा किया जाएगा तो उतनी ही राशि खर्च करना होगा, साथ ही परेशानी भी झेलनी भी होगी। कार्य खराब हुआ तो आने वाले दिनों में यह एक बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी। विधायक ने कहा कि बोकारो थर्मल एवं चंद्रपुरा भारत सरकार की इकाई है और दोनों ही जगहो पर एसटीपी के करवाये जा रहे कार्य की गुणवत्ता खराब हुई तो वे सीबीआई को जांच के लिए लिखेंगे और ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सरयू राय ने कहा कि दोनों ही प्रबंधन को इसे अपना कार्य मानकर करवाना होगा नहीं तो यह आने वाले दिनों में कॉलोनी के लिए नासूर बन जाएगा। सभी चैंबरों से गंदे पानी का बहाव कॉलोनी में हो रहा है। इंटों की क्वालिटी खराब है। राजाबाजार के बड़ा नाला एवं पंच मंदिर के बगल से बहने वाले नाला को भी इससे जोड़कर कार्य करना होगा तभी कोनार एवं दामोदर नदी को सिवरेज के प्रदूषण से मुक्ति मिल पाएगी।