आज सावन महीने का पहला सोमवार है। देशभर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। गंगा घाटों पर भारी भीड़ देखी जा रही है जहां से गंगाजल लेकर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को अर्पण कर रहे हैं । ऐसी मान्यता है कि सावन माह में भी समुद्र का मंथन हुआ था और जब किसी ने भी हलाहल विष का सेवन करने से मना किया तो भगवान शिव ने विष का सेवन किया और बिष के प्रभाव से जब उन पर मूर्छा आने लगी तब गंगा के पवित्र जल से ही उनकी मूर्छा को भंग किया गया था। श्रद्धालुओं के अनुसार उसी दिन से सावन माह में भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करने की प्रथा चली आ रही है। यूं तो शिवालयों में सालों भर जल अर्पण किया जाता है लेकिन सावन माह और सावन की सोमवारी भगवान शिव को अति प्रिय कहा गया है।
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2 महीने का होगा सावन
बता दें कि सावन माह की शुरुआत 4 मई से हुई है। कई वर्षों के बाद इस बार एक अलग संयोग बना है। इस बार सावन दो महीने का होने वाला है। जिसमें कुल 8 सोमवार होंगे। वैसे तो पूरे सावन भर ही शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है लेकिन सोमवार को ये अधिक होती है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है।