[Team Insider]: डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय कंपनीबाग भागलपुर के छात्रों के द्वारा अपनी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करते दिखे। मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर इंटर स्तरीय आवासीय विद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar Inter Level Residential School) कंपनीबाग के छात्रों ने कहा की, यह मांगे हमलोगों के तरफ से लगभग 3 साल से की जा रही है। जहां सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन मिलता है। धरातल पर कुछ भी नहीं दिखता।
स्टूडेंट ने मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
बताते चलें कि उन लोगों की मांग है हमें न तो पीने का साफ पानी मिल पा रहा है, ना ही खाने की कोई सुविधा है, ना रहने का ढंग से बेड की व्यवस्था है, साथ ही साथ उन लोगों का कहना था कि, समय पर परीक्षा तक नहीं ली जाती है। इस बाबत एसडीओ (SDO) धनंजय कुमार, डीटीओ फिरोज अख्तर, एएसडीओ अन्नू कुमारी के अलावे कई पदाधिकारी मौजूद थे। उनलोगों की मांग थी कि हम बिना जिलाधिकारी से मिले यहां से नहीं जाएंगे। हम अपनी बात सीधे जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के सामने रखना चाहते हैं। इस बाबत कई घंटों प्रशासन और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर इंटर स्तरीय आवासीय विद्यालय कंपनीबाग के बच्चों के बीच नोकझोंक भी होती रही।
जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया था
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन करीब 15 दिन पहले हमलोगों को और स्कूल प्रबंधन को आश्वासन दिया था कि, जो भी परेशानी है उसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा। परंतु धरातल पर अबतक कुछ भी नहीं हुआ। जिसके चलते विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। जिससे विद्यार्थियों का सारा हुजूम जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के कार्यालय में पूरे दलबल के साथ पहुंच गया। जोरदार नारेबाजी करते हुए स्टूडेंट अपने हक की मांग करने लगे।
भीड़ को काबू करने के लिए 34 थाने की पुलिस लगी रही
इतना ही नहीं उन लोगों ने कचहरी चौक को भी घंटों जाम रखा। जिससे आने जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। साथ ही साथ फाटक तोड़ते हुए जिलाधिकारी के कार्यालय तक पहुंच गए। भीड़ को काबू करने के लिए सीआईटी व बिहार पुलिस की पूरी बटालियन एवं 34 थाने की पुलिस लगी रही। अब देखना यह है कि क्या डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय कंपनी के छात्रों को उसका हक मिल पाता है या नहीं, या फिर जैसे 3 साल से आश्वासन मिल रहा है फिर से उसी आश्वासन को लेकर अपने घर लौटना पड़ेगा।