JAMSHEDPUR : जमशेदपुर में सोमवार को शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के द्वारा टेल्को स्थित सबुज कल्याण संघ में शिव शिष्यों की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया था कि महेश्वर शिव के गुरू स्वरूप से एक-एक व्यक्ति का शिष्य के रूप में जुड़ाव हो सके। इस संगोष्ठी से जमशेदपुर शहर तथा आसपास के इलाकों से सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष शिष्य शामिल हुए। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दीदी बरखा आनन्द ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं। शिव के औघरदानी स्वरूप से धन, धान्य, संतान, सम्पदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है तो उनके गुरु स्वरूप से ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाय? किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान के अभाव में घातक हो सकता है। दीदी बरखा आनन्द ने कहा कि शिव जगतगुरू है। अतएव जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग का हो शिव को अपना गुरु बना सकता है। शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है। केवल यह विचार कि शिव मेरे गुरू हैं शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरूआत करता है।