के के पाठक ने तुरंत दिखाई तत्परता, आश्रय के लिए अलॉट करवाया बीएड कॉलेज
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक जब निरीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर के डायट रामबाग पहुचे और काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों से मुलाक़ात कर वापस लौटने लगे तो उनकी गाडी के पास कुछ महिला अभ्यर्थी खड़ी हो गईं। महिला अभ्यर्थियों को इस प्रकार खडा देख के के पाठक अपनी गाड़ी से उतर गए। और महिलाओं से रूबरू हुए। महिलाओं की समस्या ये थी कि उन्हें वापस जाने के लिए कोई साधन दिखाई नहीं पड रहा था। महिलाओं ने के के पाठक से कहा, सर इतनी रात हो गयी है , और यहाँ प्रशिक्षण केंद्र पर जगह नहीं होने की बात कही जा रही है। हम पटना ,गया और कई अन्य दूर जगहों से आए हैं। अब ऐसे में हम कहाँ जाएँ ,घर जाएँ तो कैसे जाएँ? इसपर के के पाठक ने तुरंत डीइओ अजय कुमार सिंह को प्रशिक्षण केंद्र आवंटित करने का आदेश दिया। उनके आदेशानुसार महिलाओं केलिए तुर्की स्थित बीएड कॉलेज आवंटित कर दिया गया।
इससे पूर्व के के पाठक ने वहां पहुचकर शिक्षक अभ्यर्थियों से कहा कि सरकारी विद्यालय ज्यादातर गाँवों में ही हैं ,इसलिए गाँवों में रहने के लिए ही तैयार हो जाएँ। सभी 10-12 किमी के रेंज में ही रहे ताकि समय पर विद्यालय आ सकें। यदि गाँवों में उन्हें समस्या हो रही हो तो वे नौकरी को छोड़ शहरों में रह सकते हैं। महिलाओं को उन्होंने स्कूटी से विद्यालय आने की सलाह दी। उन्होंने स्कूल प्रशासन से कहा कि स्कूटी चलाने के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी विद्यालय सामिति की ओर से ही किया जाए। इसके अलावे अभ्यर्थियों से उन्होंने कहा कि विद्यालय की सबसे मौलिक आवश्यकता शिक्षण की ओर मुख्य रूप से उनका ध्यान केन्द्रित होना चाहिए। वेतन में भले थोड़ी देरी हो रही है, लेकिन अगले माह आते आते वेतन-भुगतान की प्रक्रिया भी पूरी तरह से सुचारू हो जाएगी। के के पाठक ने उनसे कहा कि जिस प्रकार से विभाग ने तेज़ी से काउंसलिंग करके आपको नियुक्त करने का काम किया है, ठीक उसी प्रकार आप सबों को भी फूर्ती दिखाते हुए बच्चों के शिक्षण की ओर यथाशीघ्र लग जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपनी शिक्षा साबित की, उसी प्रकार से नौकरी के प्रति अपनी निष्ठा साबित करें। इसके अलावे उन्होंने बिजली,पेय जल ,प्रसाधान आदि व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।