बिहार की 40 लोकसभा सीट में से एक नाम सीवान लोकसभा सीट का भी है। ये वो सीट है जिसको जीतने वाले एक प्रत्याशी बिहार के सीएम भी रहे। वो कोई और नहीं बिहार के पहले मुस्लिम मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर थे। वही एक दूसरा प्रत्याशी जिसे इस सीट ने कई बार संसद पहुँचाया उसकी मौत जेल में सजा कटते हुए हो गई। हम बात कर रहे बाहुबली शहाबुद्दीन की। वही शहाबुद्दीन जिसने कई बार इस सीट पर जीत हासिल की। लेकिन उसकी राजनीति से ज्यादा उसके जरायम की दुनिया का बादशाह बनने की चर्चा है।
सीवान लोकसभा सीट के चुनाव
सीवान जिले के रूप में भले ही 1972 में अस्तित्व में आया हो, लेकिन लोकसभा सीट तो यह 1957 से ही है। सीवान के पहले सांसद कांग्रेस पार्टी के झूलन सिन्हा थे। कांग्रेस का कब्जा इस सीट पर लगातार 1971 तक रहा। इमरजेंसी के बाद ये सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के मृत्युंजय प्रसाद ने जीत हासिल की। 1980 और 1984 में कांग्रेस ने वापसी की, एक बार मोहम्मद युसूफ और दूसरी बार अब्दुल गफूर ने कांग्रेस का झंडा बुलंद किया। 1989 में भाजपा के जनार्दन तिवारी और 1991 में जनता दल के ब्रिसिन पटेल सांसद चुने गए।
सालों तक मो. शहाबुद्दीन गढ़ रहा सिवान
1996 में सीवान की राजनीति में बाहुबली मो. शहाबुद्दीन की इंट्री हुई। उसके बाद सालों तक सिवान शहाबुद्दीन का गढ़ बनकर रहा। 1996 से 2004 तक शहाबुद्दीन ने लगातार सिवान से लोकसभा का चुनाव जीता। 1996 में पहली बार उसे जनता दल के टिकट पर जीत मिली। लालू यादव से करीबी के कारण वो राजद में शामिल हुआ। 1998 से 2004 तक उसने राजद के टिकट पर ही चुनाव जीता और लोकसभा पहुंचा। शहाबुद्दीन का दबदबा इस क्षेत्र में इतना अधिक था कि वो जेल में रहते हुए चुनाव जीतने में कामयाब रहा था।
मो.शहाबुद्दीन के किले में लगी सेंध
2009 में मो.शहाबुद्दीन के किले में एक निर्दलीय उम्मीदवार ओम प्रकश यादव ने सेंध लगा दी। इसके पीछे अपराधिक मामलों में शाहबुद्दीन का फंसना भी बड़ा कारण रहा। ओम प्रकाश यादव ने बाद में भाजपा ज्वाइन कर लिया। 2014 में उन्होंने मो.शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शाहाब को चुनाव में मात देकर सीवान में भाजपा का झंडा बुलंद किया। 2019 में भाजपा ने अपने सीटिंग सांसद का टिकट काट कर ये सीट जदयू को दी। 2019 में जदयू की कविता सिंह ने जीत हासिल की। कविता सिंह ने भी हिना शाहाब को मात दी थी। लेकिन इसबार भाजपा और जदयू अलग-अलग है इसलिए सिवान की लड़ाई को काफी कुछ देखने को मिलेगा।
सीवान के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र
अब बात सीवान के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र के बारे में कर लेते हैं। सीवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट हैं। जिसमें से 3 पर राजद, 2 पर सीपीआई(एमएल) और भाजपा के 1 सीट पर कब्ज़ा है। सीवान से राजद के अवध बिहारी चौधरी, जिरादई से सीपीआई(एमएल) के अमरजीत कुशवाहा, दरौली से सीपीआई(एमएल) के सत्यदेव राम, रघुनाथपुर से राजद के हरिशंकर यादव, दरौंदा से भाजपा के करनजीत सिंह, बड़हरिया से राजद के बच्चा पांडेय विधायक हैं।