सृजन घोटाले के आरोपी अरुण कुमार की मौ’त हो गई है। अरुण कुमार 2018 से बेऊर जेल में बंद थे। आरोपी की तबीयत पिछले दो दिनों से खराब थी, जिसका इलाज पटना के पीएमसीएच में कराया जा रहा था। शनिवार की देर रात इलाज के दौरान मौ’त हो गई। अरुण के मौत के बाद परिजनों ने बेउर जेल के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि पिछले 2 दिनों से अरुण कुमार की तबीयत जेल के अंदर खराब थी। इसके बावजूद भी उन्हें इलाज के लिए नहीं ले जाया गया, शनिवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद उनकी जेल में ही मौ’त हो गई थी। इसके बाद उन्हें पटना के पीएमसीएच भेजा गया।
बताया जा रहा है कि 2 महीने भागलपुर जेल में रखने के बाद अरुण कुमार को 2018 में पटना के बेउर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था। सृजन घोटाला मामले में सीबीआई के द्वारा उन पर दो मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी उन पर चल रहा था। जून महीने में ही एक मामले में उनकी सुनवाई पटना के न्यायालय में होनी थी। लेकिन, उससे पहले इनका देहांत हो गया। अरुण कुमार भागलपुर में जिला कल्याण पदाधिकारी थे। इसी दौरान सृजन घोटाला प्रकाश में आने के बाद सीबीआई ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआइ ने 2019 में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए इनकी पत्नी इंदू गुप्ता के बोरिंग रोड स्थित श्रीभगवान कुंज अपार्टमेंट स्थित फ्लैट, शास्त्री नगर की जमीन और बाकरगंज स्थित दुकान को कुर्क कर लिया था।