पटना नगर निगम ने संपत्ति कर के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अब मकान, फ्लैट, भूखंड, और अन्य निजी संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर तब तक रोक लगाई जा सकती है, जब तक संपत्ति कर और ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क का भुगतान नहीं किया जाता। इसके लिए निगम ने नगर विकास विभाग और मद निषेध एवं निबंधन विभाग को पत्र भेजा है
संपत्ति की खरीद-बिक्री प्रक्रिया के दौरान पटना नगर निगम से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट(NOC) प्राप्त करना अब अनिवार्य है। एनओसी प्राप्त करने के लिए संपत्ति कर और ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क की अदायगी का प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
निगम ने संपत्ति खरीदने वाले क्रेताओं की सुविधा के लिए निबंधन परिसर में कई सेवाओं की व्यवस्था की है। संपत्ति कर का निर्धारण: खरीदार निबंधन परिसर में नया संपत्ति कर निर्धारित करवा सकते हैं। दाखिल खारिज का आवेदन दाखिल खारिज के लिए आवेदन और शुल्क भुगतान की सुविधा भी दी जाएगी।
बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 और बिहार नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली, 2013 के अनुसार संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। पटना नगर निगम ने संपत्ति कर भुगतान को आसान बनाने के लिए कई ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प उपलब्ध कराए हैं।
पटना नगर निगम द्वारा संपत्ति कर वसूली को लेकर उठाए गए कदम शहर को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। इन नियमों से संपत्ति धारकों पर कर भुगतान की जिम्मेदारी तय होगी और शहर के विकास कार्यों के लिए धन संग्रह करना आसान होगा। शहरवासियों को सलाह है कि समय पर संपत्ति कर का भुगतान करें और जुर्माने से बचें।