RANCHI : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पर सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने सदन में अपनी बात रखी। दोपहर बाद बीजेपी विधायकों के वॉकआउट के बीच 11,988 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन से पास हो गया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन सदन में कार्यवाही रूक-रूक कर चली। भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अनुपूरक बजट पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान कटौती प्रस्ताव बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने रखा। कटौती प्रस्ताव पर चर्चा से भाजपा विधायकों ने इनकार कर दिया और सदन में हंगामा करने लगे। भाजपा विधायक मुख्यमंत्री से राज्य की विधि व्यवस्था, 1932 का खतियान, नियोजन नीति और स्थानीय नीति पर वक्तव्य देने की मांग करने लगे। फिर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। वहीं अनुपूरक बजट के चर्चा के बीच में ही भाजपा विधायक सदन से वाकआउट कर गए।
आदिवासियों को नहीं मिल रहा लाभ
झारखंड विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक सौ यूनिट फ्री बिजली का लाभ झारखंड के आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नहीं उठा पा रहे हैं। राज्य के कई ऐसे आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं, जहां अभी तक बिजली विभाग ने मीटर ही नहीं लगाया है। जिसके कारण उन्हें फिक्स बिजली बिल का भुगतान करना पड़ रहा है। इसलिए बिजली विभाग सरकार की योजना पर पानी फेरने का काम बंद करें और जल्द से जल्द मीटर लगाने का काम शुरू करे, ताकि इस योजना का फायदा आदिवासी समाज को मिल सके। साथ ही कहा कि झारखंड फिर सूखे की चपेट में आने वाला है। अभी तक सूखा राहत की राशि 3200000 में से मात्र 1200000 किसानों को ही मिला है। वहीं 60% किसानों का ही कर्जमाफी हो सका है। इसलिए सरकार जल्द से जल्द सभी किसानों का कर्ज माफी करे, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
बेरमो को जिला बनाने की भी मांग
अनुपूरक बजट पर अपने विचार रखते हुए आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य के हेमंत सरकार बने 43 महीने हो गए, मगर अब तक बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी। संबंधित विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को 2000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ और उपर से जनता बालू के लिए परेशान रही। लंबोदर महतो ने कहा कि अनुपूरक बजट की जरूरत नहीं है, सरकार ने मूल बजट में जो राशि का प्रावधान किया था वह अभी तक खर्च नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि 60:40 के आधार पर किसी प्रकार की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। इससे आगे कहा कि सरकार को जल्द से जल्द 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति लाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करना चाहिए। उन्होंने बेरमो को जल्द से जल्द जिला बनाने की भी मांग की।