पटना हाईकोर्ट से जातीय जनगणना पर रोक लगाने से इंकार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस मामले में सुनवाई नहीं होगी तब तक रोक नहीं लगाई जाएगी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 अगस्त को होंगी। हालांकि इससे पहले बिहार में जातीय गणना की प्रक्रिया को बड़ी तेजी के साथ पूरे कर लिया गया है।अब सिर्फ डाटा इंट्री का काम चल रहा है।
1 जुलाई को हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने की दी थी मंजूरी
दरअसल, एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए सरकार को कहा था की यदि वह चाहे तो गणना करा सकती है। कोर्ट के फैसला के चंद घंटे बाद ही सरकार की तरफ से सभी डीएम को गणना के काम को फिर से शुरू करने का आदेश दिया गया था। आपको बता दें की पिछले साल से बिहार में जातीय गणना शुरू की गई थी। पहला चरण जनवरी में और दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। लेकिन चार मई को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गणना की प्रक्रिया पर 3 जुलाई तक रोक लगा दिया गया था। जिसके बाद यह प्रक्रिया रुक गई थी।
3 से 7 जुलाई तक इस मामले पर हाईकोर्ट में बहस हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और 1 अगस्त को दिए फैसले में पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने की मंजूरी दे दी थी। लेकिन एक बार फिर एक सोच एक प्रयास नामक एन जी ओ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगा दी है।