सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश भर के शिक्षकों को लेकर एक फैसला दिया है। जिसके अनुसार कक्षा 1 से 5 के लिए शिक्षक बनने के लिए बीएड डिग्री वाले योग्य नहीं होंगे। डीएलएड वाले को योग्य माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के सामने मुसिबत आ गई है। हालांकि, कोर्ट ने यह फैसला राजस्थान के एक मामले में सुनवाई करते हुई दी है। लेकिन, बिहार में इसका असर नहीं होगा, इसकी संभावना कम है। बिहार में यह फैसला लागू होता है तो बीएड डिग्री वाले पांच लाख शिक्षक प्रभावित होंगे।
बिहार के बीएड डिग्री धारकों सताने लगी चिंता
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इसका इस बिहार में होने वाले शिक्षक भर्ती पर भी पडे़गा। बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों के भर्ती को लेकर बहाली परीक्षा में 2 सप्ताह का समय बचा है। बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर जो बहाली परीक्षा होने वाली है। उसमें कक्षा 1 से 5 के लिए लगभग 7.4 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 5 लाख के करीब है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बीएसटीसी करने वाले देश भर के लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। बीएसटीसी और बीएड विवाद में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहरा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला दिया है कि अब केवल बीटीएस डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में पात्र होंगे। लेवल-1 पहली से 5वीं कक्षा तक में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।