19 दिसंबर को दिल्ली में I.N.D.I.A गठबंधन की चौथी बैठक हुई। बैठक से पहले नीतीश कुमार के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में खूब पोस्टर लगाए गए। जदयू के नेताओं की तरफ से उन्हें गठबंधन का संयोजक या प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने की मांग की गई। लेकिन बैठक के बाद ऐसा कुछ होता हुआ नजर नहीं आया। ना ही संयोजक का नाम तय हुआ और ना ही प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम पर कोई सहमती बनी। बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री का फैसला चुनाव जीतने के बाद होगा। जिसके बाद से भाजपा नीतीश कुमार पर हमलावर है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को माया मिली ना राम।
“नीतीश कुमार को माया मिली ना राम“
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर 2022 में दूसरी बार भाजपा से नाता तोड़ा था और अब पटना में अपने पक्ष में पोस्टर लगवा कर बड़ी उम्मीद से गठबंधन की दिल्ली बैठक में गए थे। लेकिन किसी ने संयोजक पद के लिए भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं किया। प्रधानमंत्री-पद की उम्मीदवारी तो बहुत दूर की बात है। नीतीश कुमार को न माया मिली, न राम। वे खाली हाथ जब पटना लौटेंगे, तब जदयू के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाये रखना मुश्किल होगा। पार्टी में भगदड़ मच सकती है।
“इंडी गठबंधन ने सिर्फ समय बर्बाद किया“
सुशील मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन ने साल भर का समय बर्बाद किया। वे कुछ भी तय नहीं कर पाये। ममता बनर्जी और केजरीवाल ने संयोजक-पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सुझाया इसे स्वीकार नहीं किया गया। ममता और केजरीवाल के रुख से साफ है कि गठबंधन के दो बड़े दल नीतीश कुमार को नेतृत्व सौंपने के विरुद्ध हैं। गठबंधन की चौथी बैठक भी कोई बड़ा फैसला नहीं कर पायी। हेमंत सोरेन बैठक में गये ही नहीं।