शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षा व्यवस्था में लगातार सुधार करने की हर संभव कोशिश कर रहे है। इसके तहत लगातार स्कूल में निरीक्षण करते नजर आ रहे है। स्कूल में जो कमियां दिखती है उन्हें सही करने की कोशिश करते है इसके लिए नए-नए फरमान जारी करते है। लेकिन उनका यह फरमान ज्यादातर शिक्षकों को नागावार गुजरता है जिसको लेकर शिक्षक संघ ने नाराजगी जाहिर की है और उनके फरमान के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। 20 जनवरी को पटना के गर्दनीबाग में सभी शिक्षक काली पट्टी बांधकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
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रिटारमेंट की सीमा 62 साल करने की उठी मांग
शिक्षक संघ का कहना है कि के के पाठक जारी आदेश को वापस ले ले। इसके साथ ही अपनी मांगों को भी सामने रखा है जिसमें ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग दोहराई है। इसके अलावे शिक्षकों की रिटायरमेंट की सीमा 62 साल करने की मांग की है।
के के पाठक ने छुट्टियों में की थी कटौती
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों की छुट्टी में कटौती करने का आदेश दिया था। उन्होंने सभी डीएम और डीडीसी को आवश्यक पहल करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में केके पाठक ने कहा है कि 1 फरवरी से बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में आवश्यक है कि सभी शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाएं और शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में बेहतर हो। किसी भी स्कूल में 10 फीसदी शिक्षकों को ही छुट्टी देने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के छुट्टी लेने की मनोवृत्ति पर रोक लगाएं और एक साथ स्कूल में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों की छुट्टी नहीं दी जाए, इसे सुनिश्चत करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर सख्त अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है। बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित करीब 50 शिक्षक योगदान देने के बाद भगोड़े हो गए हैं। ऐसे भगोड़े शिक्षकों को सस्पेंड करते हुए, उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू करें। जिसके खिलाफ शिक्षक संध ने आंदोलन का ऐलान किया है।