[Team Insider]: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) का मुद्दा गर्म होता जा रहा है। एक महीने पहले सीएम नीतीश कुमार ने पारदर्शी तरीके से जनगणना कराने की बात की थी। इस मसले पर अगस्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित बिहार की 10 पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात भी की थी। वहीं बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में जातीय जनगणना सर्वसम्मति से पारित भी हो गया। ऐसे में आज तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर फिर से जातीय जनगणना को लेकर निशाना साधा है।
दोबारा सर्वदलीय बैठक की क्या ज़रूरत
प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार जातीय जनगणना के विरोध का माहौल पैदा कर इसकी आड़ ले जातीय जनगणना करवाने से बचना चाहती है। जब दो बार बिहार विधानमंडल से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल PM से मिल आया तो अब दोबारा सर्वदलीय बैठक की क्या ज़रूरत है?” उन्होंने कहा कि नीतीश कि कथनी और करनी में अंतर है।
अब बैठक किस बात का? उन्होंने आगे कहा कि जब जातीय जनगणना विधानसभा से पास हो गया तो इसका मतलब सभी दलों की सहमति है। बिहार के मुख्यमंत्री कमजोर डरपोक हैं। उनके पास कलेजा नही है। इन्हें बिहार से कोई लेना देना नहीं। इन्हें समाजवाद से कुछ नहीं लेना देना। इसमें समझौते करने की बात नही है। नीतीश कुमार जैसे हमलोग नहीं हैं, जो कथनी और करनी में अंतर रखते हैं। नीतीश कुमार सर्वदलीय बैठक करवाने का नौटंकी कर रहे हैं।