वन विभाग व भिखना ठोरी के लोगों के बीच नोकझोंक 3 दिन से जारी है। इस वजह से भारत-नेपाल सीमा स्थित भिखना ठोरी के लोगों को अभी भी वन विभाग द्वारा खाद्य सामग्री ले जाने पर शिकंजा कसा हुआ है। इससे भिखना ठोरी के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में भिखना ठोरी के 63 लोगों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर इस समस्या से निजात की गुहार लगाई है।
लोगों से की जाती है टैक्स वशूली
दिए गए आवेदन में भिखना ठोरी के लोगों का कहना है कि मंगलवार की रात कस्टम विभाग के ऑफिस से कार्य करा कर लौट रहे पुन्ना सिंह, प्रमोद कुमार, पूर्व मुखिया दयानंद सहनी को बॉर्डर पर रोक दिया गया। काफी आवाज देने के बाद वन कर्मी निकले। वन कर्मियों के मुंह से शराब का दुर्गंध आ रही थी और आते ही हमलोगों से दुर्व्यवहार कर दिए। काफी मशक्कत के बाद हम लोगों को घर जाने दिया गया। इस मामले में भिखना ठोरी निवासी कृष्ण मोहन ठाकुर, आशीष कुमार, संजय साह, जितेंद्र सिंह आदि बताते हैं कि भिखना ठोरी में बसना हमलोगों ने लिया अभिशाप है। भवानीपुर चेक नाखा पर प्रति चार चक्का 300 रुपये व गाड़ी में सवार प्रति व्यक्ति से 25 रुपये की दर से टैक्स वशूल की जाती है। इधर रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है।