टीईटी शिक्षक संघ की ओर से अध्यापक नियमावली 2023 को रद्द करते हुए शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण 2 लाख टीईटी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से राज्य कर्मी का दर्जा देने हेतु हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। टीईटी शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम, औरंगाबाद से चंदशेखर वर्मा, किशनगंज से फासीह अहमद एवं यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैदर खान जी भी टीईटी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से राज्य कर्मी का दर्जा देने हेतु दायर याचिका में याचिकाकर्ता बने हैं। याचिका की सुनवाई गर्मी छुट्टी के तत्काल बाद ही संभव है क्योंकि आज से 18 जून तक हाईकोर्ट में गर्मी की छुट्टी हो गई है।
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“संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है नई नियमावली”
टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा की अध्यापक नियमावली 2023 पूरी तरह से और संवैधानिक एवं कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली नियमावली है। इस नियमावली को जारी करने में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के दिए गए पूर्व के फैसले की भी अनदेखी की गई है एवं ऐसे कई सारे बिंदु इसमें जोड़े गए हैं जो पूरी तरीके से असंवैधानिक एवं न्यायिक दृष्टिकोण से अनुचित है। इसलिए इसके विरुद्ध हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना आवश्यक हो गया था। हमने कई स्तर पर सरकार से वार्ता करने की कोशिश की। लेकिन जब सरकार एवं शिक्षा विभाग के द्वारा हमारी बातों को नहीं सुना गया, तब हम लोग मजबूर होकर हाईकोर्ट ने आज यह याचिका दाखिल कर रहे हैं।
टीईटी शिक्षक संघ की मांग
• दर्ज की गई आपत्तियों के आलोक में नई अध्यापक ने वाली तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है इसके तहत कोई अधिसूचना या एडवर्टाइजमेंट नहीं निकाला जाए।
• टीईटी शिक्षक संघ शिक्षा के अधिकार कानून के तहत तरीके के मानकों के आधार पर बनाए गए बिहार राज्य पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था शिक्षक नियोजन 2012 के तहत नियुक्त शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करता है।
• उक्त संगठन से जुड़े हुए शिक्षक नियोजन के समय से ही शिक्षा के अधिकार कानून में वर्णित सभी मानदंडों को पूरा करते हैं।
• उस वक्त गलत तरीके से इन्हें राज्य कर्मी के तौर पर बहाल करने के बजाय पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थाओं के तहत बहाल कर दिया गया था अब जबकि सरकार राज्य कर्मियों के तौर पर ही समाहित करने के लिए नियमावली का निर्धारण कर रही है तो 2012 नियमावली के तहत एवं शिक्षा के अधिकार कानून का पालन करने वाले सभी शिक्षकों को जॉइनिंग डेट से ही राज्य कर्मी का दर्जा देते हुए सभी प्रकार के लाभ दिए जाएं।