SARAIKELA : सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल गोलचक्कर से लेकर नीमडीह प्रखंड के लुपुंगडीह तक राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की स्थिति खस्ताहाल है। सड़क पर बने अनगिनत गड्ढों और उड़ती धूल से राहगीरों के साथ आम लोग भी खासे परेशान रहने लगे हैं। प्रतिदिन उड़ते धूल खाने पर मजबूर, न इस सड़क पर पानी की छिड़काव करते हैं, प्रतिदिन सैकड़ों वाहन आवाजाही करते हैं। इस रस्ते से चांडिल प्रखण्ड और चांडिल अनुमंडल व कोर्ट जुड़े हैं।
चांडिल के इस सड़क की मरम्मत की मांग करते हुए स्थानीय लोग थक चुके हैं। बार-बार आश्वासन मिलने के बाद अब लोग इस मुद्दे पर बात करना बंद कर चुके हैं। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है, अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे जमशेदुपर या रांची लेकर जाना पड़ता है। दूसरा, चांडिल स्थित एकमात्र डिग्री कॉलेज पर ही विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर बच्चे उच्च शिक्षा के लिए आश्रित हैं। बीमारों को अस्पताल पहुंचाने और विद्यार्थियों को कॉलेज पहुंचने में खस्ताहाल सड़क बाधा उत्पन्न करती है। सड़क की ऐसी स्थिति होने के कारण दोनों पर ही बहुत प्रभाव पड़ रहा है। कई बार गाड़ियां खराब हो जाने के कारण सड़क पर लंबा जाम भी लग जाता है। हर दिन कई बार ऐसी स्थिति होती है जब लोगों को सड़क की खराब स्थिति के कारण ट्रैफिक से दो चार होना पड़ता है। खासकर बारिश के दिनों में यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
सांसद का आश्वासन भी काम नहीं आया
रांची के सांसद संजय सेठ क्षेत्र में आने पर सड़क मरम्मत को लेकर हर बार अलग-अलग बात करते हैं। सांसद ने पहले कहा कि यह रेलवे का मामला है, फिर कहा कि बरसात खत्म होते ही सड़क मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। बरसात के कारण काम नहीं हो पा रहा है। इसके बाद उन्होंने कहा कि छह तारीख से सड़क निर्माण का काम प्रारंभ होगा। सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बरसात बीत गए कई छह तारीख गुजर गए, लेकिन सड़क मरम्मत का काम अब तक शुरू नहीं सका है। जानकारी के अनुसार फिलहाल सड़क की मरम्मत के लिए निविदा प्रक्रिया में है। पहली बार निविदा निकाले जाने के बाद किसी भी ठेकेदार ने निविदा नहीं डाली थी। इसके बाद दूसरी बार निविदा निकाली गयी। इस बार तीन ठेकेदारों ने निविदा में हिस्सा लिया है।