[ Team insider] एक तरफ जहां सरकार मनरेगा योजना से लोगों को जोड़कर रोजगार मुहैया करवाना चाहती है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना पर भ्रष्टाचारियों की लगातार नजरें बनी रहती हैं। ताजा मामला धनबाद के कालियासोल प्रखंड की है। जहां भ्रष्टाचारी अपने ही करतूत में फंसते नजर आए। दरअसल डोभा का काम जेसीबी मशीन से करवाया जा रहा था। इस दौरान जेसीबी मशीन गड्ढे में फंस गई, जिसके बाद खबरें आम लोगों तक फैल गई। थोड़ी देर में ही इसकी जानकारी बीडीओ और मीडिया को दी जिसके बाद अधिकारियों ने उचित कार्रवाई की बात कही है।
जेसीबी मशीन से कराया जा रहा था काम
मिली जानकारी के अनुसार इसके लाभूक आशा लता मालाकार के जमीन पर मनरेगा के तहत 100×100 डोभा निर्माण तकरीबन चार लाख की राशि से जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। जबकि इस योजना में किसी भी स्थिति में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। केवल मनरेगा मजदूर इसका निर्माण कर सकते हैं।
रोजगार सेवक और बीपीओ योजना स्थल पर पहुंचे
उक्त पंचायत के रोजगार सेवक बिमल लाहा और बीपीओ अशोक कुमार दास ने कहा कि योजना की प्रकल्लित राशि 410067/= है जिसमे मजदूरों के खाते में 294000 का भुगतान कर दिया गया है और यह योजना ऑन गोइंग है। योजना में जेसीबी के प्रयोग के बारे में पूर्व से कोई जानकारी नहीं है। उन्हें जैसे ही अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा यह जानकारी मिला वह योजना स्थल पर पहुंचे।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ होती है खानापूर्ति
बता दें कि धनबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहला मौका नहीं है। मनरेगा की योजनाओं में इस तरह के नजारा पहले भी देखने को मिला है। इससे पहले भी कई प्रखंडों में जेसीबी से खुदाई के वीडियो वायरल हो चुकी है और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति भी होती रही है। अब तक कहीं भी कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। ऐसे मामले में देखने वाली बात यह है की कार्रवाई होती है या नहीं।