बंडल में आये सरकारी नौकरियों के कॉल लेटर, 5-5 प्रतियोगिता परीक्षाओं में मिली एक साथ सफलता
सरकारी नौकरी का बिहार में जबरदस्त क्रेज़ है। सरकारी नौकरी एक ओर जहाँ अच्छी सैलरी और सिक्योर्ड करियर का विकल्प देती है ,वहीँ विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दे में तो सरकारी नौकरी को ही सबसे ज्यादा तरजीह दी जाती है। यही कारण है कि छात्र सरकारी नौकरी के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। लिहाजा पढाई मे सजग और मेधावी छात्र इसमें सफल भी होते हैं। ऐसी ही दास्ता है किसान परिवार में पले-बढ़े भोजपुर जिले के उदवंतनगर गांव के रहने वाले अंगद राज की,जिन्हे कठिन परिश्रम का फल भर भर के मिला है। पांच-पांच सरकारी नौकरियों का अपॉइंटमेंट लेटर उन्हें एक साथ आया है। संघर्ष की परिभाषा बन चुका यह युवक अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुका है। रेलवे की ग्रुप-डी से लेकर बिहार सब इंस्पेक्टर और अब सचिवालय सहायक के पद पर उनका चयन हुआ है। किसान परिवार से आने वाले अंगद राज का अब तक का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है।अंगद के पिता रमाशंकर सिंह एक किसान हैं। वहीं चाचा छोटे से व्यपारी हैं और दादा जी रिटायर्ड जेल सिपाही हैं। दादा जी के पेंशन और चाचा की मामूली आय से जैसे-तैसे घर तो चल जाता, लेकिन अंगद की पढ़ाई की जरूरतें ढंग से पूरी न हो पाती थी। इसलिए अंगद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते थे। इतने संघर्ष के बाद बेटे की इस अपार सफलता से पिता और परिवारवाले अहलादित और गौरवांवित हैं। भोजपुर जिला मुख्यालय आरा से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उदवंतनगर गांव में अभी खुशी के पटाखे फूटते दिख रहे हैं। इस सफलता के बाद अंगद को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अंगद ने साबित कर दिया कि अगर मेहनत की जाए तो सफलता निश्चित है।