RANCHI: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज आड्रे हाउस, रांची में आयोजित 4th ICC Education Conclave: Implementation of NEP 2020 In Higher & Technical Education कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महान भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी की अध्यक्षता में गठित आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा जनमानस के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत की गई। इस शिक्षा नीति को प्रस्तुत करने के पूर्व सम्पूर्ण देश के विभिन्न शिक्षाविदों व शोधर्थियों इत्यादि का सुझाव भी लिया गया था। इस शिक्षा नीति को प्रस्तुत करने के पूर्व मैकाले की शिक्षा पद्धति का अनुसरण किया जा रहा था, जो कि हमारे देश को आत्मनिर्भर बनने में बाधा उत्पन्न कर रहा था। हम गुलामी की मानसिकता से नहीं उबर पा रहे थे और समाज के विकास हेतु आवश्यक परिवर्तन को करने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण की दिशा में पहल करने हेतु व जन-आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र को ऐसी प्रभावी शिक्षा नीति प्रदान करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी अत्यंत बधाई के पात्र हैं।
शिक्षा परिदृश्य में सकारत्मक बदलाव लाना
राज्यपाल महोदय ने कहा कि एनईपी 2020 का उद्देश्य देश के शिक्षा परिदृश्य में सकारत्मक बदलाव लाना है, यह तभी संभव है जब मानव की क्षमता को पूर्ण रूप से विकसित किया जाय। उनके सैद्धांतिक ज्ञान को प्रायोगिक ज्ञान के साथ जोड़ा जाय। इसलिए इस शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान व शोध पर महत्व दिया गया है। विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए नियमित कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान दिया गया है। उच्च शिक्षा प्रणाली में शिक्षा को प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करते हुए कौशल-उन्मुख शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है, जो छात्रों को बहुमुखी कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार पढ़ाई के बाद उपयुक्त रोजगार हासिल करने की संभावना बढ़ेगी और देश में नए उद्योगों को एवं कौशल आवश्यकताओं को उनके अनुरूप मानव बल मिल सकेगा। छात्र अपने कौशल के अनुसार अभिनव कार्य भी कर सकेंगे।
भारत को फिर से विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना
राज्यपाल ने कहा कि हमारा भारत पूर्व में पूरे विश्व के लिए एक अहम शिक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता था। नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने शिक्षा एवं अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च मानक स्थापित किए थे। हमें फिर से वही गौरव हासिल करना है और भारत को फिर से विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना है। हम इस दिशा में निरंतर प्रगति कर रहे हैं। कोविड का टीका विकसित करने से लेकर विशेषकर विकासशील देशों में टीका की आपूर्ति कर भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता के साथ-साथ विश्व-बंधुत्व की भावना का भी परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देते हुए बेहतर समाज का निर्माण करना एवं राष्ट्रीय चेतना विकसित करना है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से निश्चित रूप से नवोन्मेषी कार्यबल तैयार होगा और राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित होगी।