पलामू के मुस्लिम बहुल इलाकों में एक बार फिर स्कूलों की प्रार्थना पद्धति में बदलाव देखने को मिला है। जहां सरकारी स्कूलों में मुस्लिम समाज के बच्चे हाथ जोड़कर प्रार्थना नहीं कर रहे हैं। वही माना यह भी जा रहा है कि इस्लामिक पद्धति लागू करने की साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। लिहाजा झारखंड में एक बार फिर प्रार्थना पद्धति बदलने का मामला तूल पकड़ रहा है।
तुष्टिकरण की हद पार कर रही है सरकार
इससे पहले हुई इसी तरह की घटनाओं के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पूरे राज्य में स्कूलों की जांच के आदेश दिए थे। साथ ही स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द मिटाने को भी कहा गया था। कहा था कि वर्षों से चली आ रही हाथ जोड़कर प्रार्थना करने की पद्धति को बहाल किया जाए लेकिन सरकार के दिशा निर्देश के बाद भी इसका उल्लंघन करते नजर आए। जिसके बाद इसे लेकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड की सरकार तुष्टिकरण की हद पार कर रही है। शिक्षा मंत्री की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद भी सरकारी स्कूलों में पूजा पद्धति में कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों में जबरन बदलाव किया जा रहा है।
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार की कोशिश के बावजूद भी प्रशासन अगर इन मसलों पर रोक नहीं लगा पा रही है। तो प्रशासन को चेतने की जरूरत है। हालांकि बीजेपी के आरोप पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के डायरी में केवल एक ही शब्द बच गया है वह तुष्टिकरण। हमारी सरकार संवेदनशील है हम राज्य में कुछ ऐसा नहीं होने देंगे, जिससे कि आपसी सौहार्द का माहौल खराब हो।