RANCHI: बचपन में ही पिता का साथ छूट गया, लेकिन अब किशोर दीपांशु अपनी मां को नहीं खोना चाहता था। रांची के होटल में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहा है। इस तंगहाली में उसे जैसे ही मां की पैर टूटने की खबर मिली , तो इलाज में होने वाले खर्च की बात पर राजधानी के एक निजी अस्पताल में किडनी बेचने पहुंच गया। इधर किडनी बेचने की बात सुनते ही अस्पताल के कर्मचारी सहम गए।
उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह किडनी बेचने के फैसले पर अड़ा रहा। इसके बाद अस्पताल के कर्मचारी ने रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में सेवा दे रहे डॉक्टर विकास को दीपांशु की पूरी कहानी बताई। डॉ विकास ने किशोर को रिम्स में बुलाकर समझाया कि किडनी बेचना दंडनीय अपराध है, उन्होंने उसे अपनी मां को रिम्स में लाने के लिए कहा बेहतर इलाज करने की बात कही। डॉक्टर विकास की बात सुनकर दीपांशु अपनी मां से मिलने गया है। इधर दीपांशु की विवशता पर कोई दलाल फायदा नहीं उठा ले और उसकी किडनी नहीं निकाल ले इसके लिए डॉक्टर विकास ने ट्विटर पर ट्वीट भी किया है।