RANCHI : झारखंड में जमीन का कारोबार भी तेजी से फल फूल रहा है। इसमें प्लॉटिंग कर जमीन की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। कई एकड़ जमीन को छोटे-छोटे प्लॉट में बांटकर मालिक जमीन बिल्डरों को बेच रहे है। ऐसे मालिकों को भी अब रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। ये बातें झारखंड रेरा के चेयरमैन रंजीत कुमार चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि जमीन का कारोबार करने वाले भी डेवलपर की गिनती में आते है। इसलिए उन्हें जमीन से जुड़ी सभी डिटेल्स रेरा को उपलब्ध करानR है। वहीं जमीन की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाना अनिवार्य है। इसलिए लोग भी जमीन खरीदने से पहले इसकी जांच करें। इससे लोगों को जानकारी मिल सकेगी कि जमीन सही है या गलत।
रियल इस्टेट के मात्र 10 एजेंट
रियल इस्टेट के कारोबार के लिए बिल्डरों को एजेंट हायर करना है। जो प्रोजेक्ट के प्रचार प्रसार से लेकर उससे जुड़ी हर जानकारी कस्टमर को देते है। लेकिन राज्य में ऐसे एजेंट नहीं के बराबर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड में मात्र दस एजेंट ही रजिस्टर्ड है। जबकि अन्य राज्यों में रियल इस्टेट एजेंट की संख्या हजारों में है।
राज्य में 1736 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड
झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) में अबतक राज्य भर से 1736 प्रोजेक्ट के आवेदन आए है। जिसमें 1145 आफलाइन प्रोजेक्ट है। जबकि 591 प्रोजेक्ट के आनलाइन आवेदन मिले है। इनमें से आफलाइन 620 प्रोजेक्ट को रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया है। वहीं आनलाइन 524 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है। कुल मिलाकर 1144 प्रोजेक्ट सही है जिन्होंने रेरा में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। अबतक 525 प्रोजेक्ट को राज्यभर में रिजेक्ट किया गया है।