JAMSHEDPUR: बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी निवासी रेलवे कर्मचारी एसके पिल्ले ने बुधवार को आरपीएफ की कार्रवाई से तंग आकर खुद पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। घटना के बाद एसके पिल्ले के बेटे ने उसे तत्काल इलाज के लिए रेलवे अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए टीएमएच रेफर कर दिया गया है। एसके पिल्ले 60 प्रतिशत तक जल चुकें है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। एसके पिल्ले टाटानगर इलेक्ट्रिक लोको शेड में सीनियर टेक्नीशियन के पद पर तैनात है।
लीज पर ली थी रेलवे की जमीन
जानकारी देते हुए एसके पिल्ले की बेटी मनीषा ने बताया कि उनके दादा रामनाथ पिल्ले ने रेलवे की जमीन लीज पर ली थी। दादा के मरने के बाद पिता के नाम पर जमीन थी। साल 2011 में उक्त जमीन को कब्जा कर ओम प्रकाश नामक व्यक्ति को बेच दिया गया। इसको लेकर पिता ने साल 2021 में केस भी फाइल किया है। ओम प्रकाश अक्सर उक्त जमीन पर निर्माण कार्य करवाने का प्रयास करता रहा, पर कोर्ट में केस चलने के कारण वह काम नहीं करवा पा रहा था। आज ओम प्रकाश के घर का निर्माण कार्य करवाने के लिए आरपीएफ और रेलवे लैंड डिपार्टमेंट के लोग आए थे। उनके द्वारा काम करवाया जा रहा था।।इस दौरान उनकी मां नीरू पिल्ले ने खुद पर केरोसिन छिड़ककर आ’त्मदाह का प्रयास किया तो आरपीएफ ने सभी को पकड़कर थाने में बंद कर दिया। इसी बीच शाम को खबर मिली की पिता ने आ’त्मदाह कर लिया है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
इधर, अस्पताल ले जाने के दौरान एसके पिल्ले ने परिवार के समक्ष एक वीडियो जारी कर कहा कि आरपीएफ और लैंड डिपार्टमेंट को प्रकाश द्वारा पैसे खिलाकर काम करवाया जा रहा है। आरपीएफ उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रही है। इसकी शिकायत ट्वीट के माध्यम से रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के अलावा डीआरएम को भी की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज तंग आकर उन्होंने खुद को आग लगा लिया।