भारत में ईंधन (Fuel) के कीमतों में इजाफा होने के कारण मंगाई बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार के आदेशानुसार आज से पटना में डीजल बस और ऑटो नहीं चलाए जाएंगे। जिसके बाद से ऑटो चालक परेशान है। बता दें कि तक़रीबन 12 हजार डीजल ऑटो और 250 डीजल बस शहर से बाहर किए जाने वाले है। हालांकि पटना परिवहन विभाग ने 31 मार्च तक ही शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अंतिम तिथि निर्धारित की थी। बताया जा रहा है की वायु प्रदूषण को देखते हुए इसके नियंत्रित हेतु यह फैसला लिया गया है।
वायु प्रदूषण में हो रही बढ़ोतरी
बता दें कि साल 2019 में पटना, वायु प्रदूषण मामले में पुरे भारत में टॉप पर पहुंच गया था। उस वर्ष यहां के एक्यूआई लेवल 400 के पार पहुंच गया था। हालांकि इसका सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुएं को बताया गाया। जिसके बाद सरकार ने डीजल वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का फैसला किया। वहीं साल 2019 में नीतीश के मंत्रिमंडल ने फैसला किया की पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ ही दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में 31 जनवरी 2020 से डीजल वाहनों का परिचालन पर रोक लगा दी जाएंगी।
वाहनों पर लगाई गई रोक
हालांकि वाहनों पर रोक लगाने की तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया गया था। जिसके बाद सरकार ने 30 सितंबर की नई तिथि घोषित की। वहीं जा कर अब 31 मार्च 2022 के दी गई ताकि सभी लोग अपनी डीजल गाड़ियों को सीएनजी में बदल लें। बताया जा रहा कि बिहार का परिवहन विभाग अब और समय नहीं देने वाला। हालांकि इस सरकारी आदेश से बस और ऑटो चालकों की परेशानी बड़ी है। जिसके बारे में बताते हुए ऑटो चालकों ने कहा कीहमारे लिए सरकार को कुछ सोचना चाहिए। हमारी स्थिति ऐसी हो गयी है की हमें भूखों मरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा।