BPSC 69वीं संयुक्त परीक्षा का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी हो गया है। इस परीक्षा में 470 कैंडिडेट पास हुए हैं। इसमें सीतामढ़ी के उज्जवल कुमार ने टॉप किया है, जो फिलहाल वैशाली के गरौल प्रखंड में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। चार महीने पहले इनकी जॉब लगी थी। पहली पोस्टिंग वैशाली में है। वह हाजीपुर में ही किराए के मकान में रहकर जॉब के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मेरा रिजल्ट आएगा, लेकिन मुझे यह विश्वास नहीं था कि मैं टॉप करूंगा।
टॉपर उज्जवल ने कहा कि समाज और पुलिस के बीच जो गैप बन गया है, उसको भरने की कोशिश करूंगा। जब मैं दसवीं में पढ़ता था तो हमारे कुछ रिश्तेदार कहते थे कि यह लड़का पढ़ने वाला नहीं है। उनकी मेंटालिटी ही ऐसी थी। मैं पढ़ाई में कमजोर नहीं था। मैंने इंजीनियरिंग के बाद जॉब छोड़ दी थी। जॉब छोड़ने के बाद लोग कहने लगे कि एक जॉब था, वह भी छोड़ दिया। इसके लिए हमारे माता-पिता को रिश्तेदार ने काफी सुनाया। फिर भी हमारे माता-पिता और भाई-बहन ने हमारे ऊपर विश्वास रखा। उन लोगों का विश्वास हमारे बहुत काम आया।
उज्जवल कुमार हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर बीएससी के टॉपर बने हैं। प्रारंभिक शिक्षा गांव से शुरू हुई। 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सीतामढ़ी में हुई है। एनआईटी उत्तराखंड से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी की। बिना कोचिंग के तैयारी की। टॉपर उज्जवल सीतामढ़ी के नैनपुर प्रखंड के रायपुर गांव के रहने वाले हैं। पिता टीचर हैं। मां आंगनबाड़ी सेविका है। बहन बीपीएससी शिक्षिका है। भाई ग्रेजुएशन कर रहा है। उज्जवल कुमार तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। दूसरे नंबर पर बहन और तीसरे नंबर पर भाई है।