CHATRA : चतरा जिला प्रशासन की दूरदर्शिता और राष्ट्रीय राजमार्ग की लापरवाही का ही नतीजा है कि सड़क की सूरत-ए-हाल से वाहन चालक और राहगीर बेहाल है। चतरा जिला की महत्वपूर्ण NH-99 जो अब बदलकर NH-22 हो चुका है। इस सड़क पर आप यात्रा कर रहे हैं तो आपको बहुत ही संभल कर चलना होगा। वरना जरा सी चूक से आप हादसे की जद में आ सकते हैं। इस हाईवे पर आवागमन करने से पहले उसकी बदहाल स्थिति को देखकर राहगीरों और वाहन चालकों की रूह कांप जाती हैं, सैकड़ों जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। यह सड़क ना केवल लोगों के आवागमन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि चतरा, डोभी, शेरघाटी, हंटरगंज, पटना, जहानाबाद, औरंगाबाद, बनारस और जिले के कारोबारियों के लिए भी एक लाइफलाइन है। झारखंड को बिहार से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण एनएच आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है तो लोग सरकार को कोस रहे हैं।
एक घंटे की दूरी तय करने में लगते हैं दो घंटे
लोगों की माने तो एक घंटे की दूरी तय करने में दो घंटे लग जा रहें है। सड़क पर बन रहे पुल का डायवर्सन तो संवेदक द्वारा बनाया गया है लेकिन उसमें बड़े-बड़े पत्थर डाल दिये गए हैं। जिससे उसमे उभरे गड्ढे राहगीरों को काफी परेशान कर रहा है। गड्ढों में बाइक का चक्का पूरा डूब जा रहा है तो पत्थरों और माल की ढुलाई करने वाले वाहन चालकों को हिचकोले खाने के साथ वाहन क्षतिग्रस्त होने और दुर्घटना का भय लगा रहता है। NH का यह हाल है कि किसी तरह आवागमन लायक नहीं है। इस वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यहां से हिचकोले खाते प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन हो रहा है। इस बदहाल सड़क पर अगर किसी वाहन में खराबी आ जाती है तो लंबा जाम लग जाता है। यह स्थिति हंटरगंज प्रखंड में महज 10 किलोमीटर के अंतराल पर दो जगहों पर है। पहला जोरी के समीप पखा मोड़ व दूसरा डुमरी के पास। इन दोनों स्थानों पर वर्षों से पुल निर्माण कार्य कछुए के चाल के बराबर चल रहा है।
चतरा से गया स्टेशन लोग इसी सड़क से जाते हैं
चतरा से गया स्टेशन से ट्रेन से सफर करने वाले लोग इसी सड़क से ही जाते हैं। इसके अलावा कुंदा प्रतापूर के लोग आवश्यक कार्य के लिए जिला मुख्यालय आते जाते हैं। रात भर वाहनों का परिचालन होता है। इस महत्वपूर्ण सड़क की बदहाली से आए दिन हादसे होते रहते हैं जिससे स्थानीय काफी चिंतित है। ग्रामीणों का कहना है कि वह लोग बहुत तकलीफ में जी रहे हैं। गर्मियों में धूल फांकते हैं और बरसात में कीचड़ से सन जाते हैं। अगर छोटे वाहन का पहिया सड़क के गड्ढे में पड़ता है तो वह अपना संतुलन खो देता है और दुर्घटना हो जाती है। इस सड़क पर सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सड़क पर बन रहे पुल निर्माण में लेट लतीफी से लोगों में नाराजगी है। हालांकि सात-आठ साल पूर्व सड़क पर पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, इसी सड़क से जिलाधिकारी से लेकर सूबे के आला अधिकारी, मंत्री और जनप्रतिनिधि गुजरते हैं लेकिन किसी को सड़क की बदहाली पर ध्यान नहीं जाता।