सारण के तेलपा स्थित हवाई अड्डा के जे के पब्लिक स्कूल के सभागार में बाबू वीर कुंवर सिंह की विजयोत्सव सह विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन क्षत्रिय महासभा अखंड भारत सारण इकाई के बैनर किया गया। मुख्य अतिथि जय प्रकाश सिंह, उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह कार्यक्रम अध्यक्ष क्षत्रानी डॉ. किरण सिंह, क्षत्रिय महासभा सारण के अध्यक्ष द्वारा बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसके बाद कार्यक्रम में आए अतिथियों को अंग वस्त्र और तलवार पगड़ी देकर उनका स्वागत किया गया। साथ ही वीर कुंवर सिंह के इतिहास और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया।
बाबू वीर कुंवर सिंह कोई राजनेता नहीं सत्ता की कुर्सी पर विराजमान हो
क्षत्रानी डॉ किरण सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, बाबू वीर कुंवर सिंह कोई राजनेता नहीं थे । जो कि समाज को विखंडित और गुमराह कर सत्ता की कुर्सी पर विराजमान हो। बाबू वीर कुंवर सिंह ऐसे पुरोधा थे जो अपने अपने सभ्य निश्छल समाज के वट वृक्ष हुआ करते थे। इसका जीता-जागता उदाहरण है जब अंग्रेजो द्वारा उनके समाज पर आक्रमण किया गया तो अस्सी वर्ष की उम्र में तलवारे निकल अंग्रेजो से लोहा लिए और अपने सभ्य समाज की रक्षा की। वह समाज कोई व्यक्ति विशेष नही कोई विशेष वर्ण कोटि नही बल्कि सभी का एक समूह हुआ करता था जिसके रक्षक बाबू वीर कुंवर सिंह हुआ करते थे।
उपर बैठे कुछ लोग अहंकार और अभिमान की नदियों में स्नान कर रहे
वहीं प्रो. प्रियेश रंजन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के विखंड का जिम्मेवार कौन? इसका सबसे बड़ा कारण आज की पीढ़ी है हमारे समाज के कुछ लोग इतने उपर पहुंच गए हैं कि वो नीचे देखना नही चाहते हैं। उन्हें बाबू वीर कुंवर सिंह की तरह वट वृक्ष नही बनना है क्योंकि वो तो अपने अहंकार अभिमान के नदियों में स्नान कर रहे होते है। वही समाज के कुछ लोग इतने नीचे पायदान पर खरे है कि उनका कल्याण होना संभव ही नहीं हैं। इस दूरी को जब तक समाप्त नही किया जाएगा। तब तक समाज ऐसे ही विखंडित होता रहेगा। ऊंचे स्तर तक पहुंचे लोगो को नीचे हाथ बढ़ाना होगा। तभी हमारा समाज का कल्याण हो सकता है । और सत्ता में बैठे अहंकारियो पर हमारी विजय हो सकती है।
वृक्ष में फल और छाया देने की क्षमता नहीं उसे काट देना चाहिए
वही विशिष्ठ अतिथि जय प्रकाश सिंह ने भी लोगो को संबोधित करते हुए । कहा कि, जिस समाज के वृक्ष में फल और छाया देने की क्षमता नहीं हो वैसे वृक्ष को काट देना चाहिए चाहे वो वृक्ष खुद ही क्यों ना लगाए हो। वैसे वृक्ष को तैयार करे जो आपको फल दे छाया दे ।