बीते दिन रविवार को जदयू के तरफ से भीम संसद का आयोजन किया गया था। जिसमें भारी संख्या में दलित और महादलित समाज के लोग शामिल हुए थे। भीम संसद में सीएम नीतीश कुमार ने महादलित समाज से आने वाले मंत्री रत्नेश सदा के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया उसकी निंदा की जा रही है। हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने भी इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। साथ ही मांझी ने भीम संसद के कार्यक्रम के पोस्टर में मंत्री रत्नेश सदा की तस्वीर न होने को लेकर भी सवाल उठाया।
“गाली और बेईज्जती का करारा जवाब मिलेगा“
दरअसल, जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम नीतीश कुमार का वीडिओ शेयर किया है। जिसमें वो मंत्री रत्नेश सदा को कहते दिख रहे है “तोरा हम मंत्री बनाए हैं और कुछ जनबे नहीं करते हो।” साथ ही उन्होंने लिखा कि “नीतीश जी वैसे तो दलितों को तुम तड़ाक और गंदी भाषा से ही संबोधित करतें रहें हैं पर कम से कम मंत्री पद की गरिमा का तो ख्याल रखतें। मुझे गाली दी तो रत्नेश जी CM के पक्ष में खडे हो गएं देखिए पक्ष लेने का नतीजा। “गालीबाज” नीतीश कुमार जी आपके हर गाली और बेईज्जती का करारा जवाब मिलेगा।” जीतनराम मांझी ने कहा है कि विज्ञापन में सभी का नाम है, लेकिन रत्नेश सदा और नील का नाम है, फोटो नहीं है। मांझी ने आगे कहा कि भीम राव अंबेडकर के नाम पर भीम संवाद कर रहे हैं, लेकिन फोटो नहीं है।
मांझी ने रत्नेश सदा पर कसा तंज
बता दें कि विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल जीतन राम मांझी के लिए किया था। उसको लेकर जीतन राम मांझी लगातार ही नीतीश कुमार पर महादलितों का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। उसी मामले में मंत्री रत्नेश सदा भी नीतीश कुमार के बचाव में उतर गए थे। मंत्री रत्नेश सदा ने मांझी को मुसहर के नाम पे कलंक तक बताया था। लेकिन अब जब नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा के लिए ही विवादित भाषा का प्रयोग किया है। जिसको लेकर मांझी ने रत्नेश सदा को कहा कि ये नीतीश कुमार के पक्ष में खड़े होने का नतीजा है।