RANCHI : झारखंड में डायन-बिसाही के नाम पर महिलाओं की ह’त्या करने के सैकड़ों मामले है। ऐसे ही मामलों पर स्वतः संज्ञान से दर्ज पीआईएल पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में इसकी सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार को फ्रेश शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मौखिक रूप से पूछा है कि झारखंड में डायन बिसाही और अंधविश्वास को रोकने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए। साथ ही पूछा कि लोगों को जागरूक करने के लिए क्या क्या कदम उठाए गए हैं? अब इस मामले की सुनवाई 9 सितंबर को होगी। वहीं पिछली सुनवाई में मेंबर सेक्रेट्री, झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया था। जिसमें कोर्ट को बताया गया कि कि गुमला जिला में डायन बिसाही को लेकर मारपीट और ह’त्या की घटनाएं सर्वाधिक होती है। झालसा की ओर से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को डायन बिसाही की रोकथाम को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।