JAMSHEDPUR : सफेद दाग लाईलाज नहीं है। आज भी विटीलाइगो यानि सफेद दाग की बीमारी एक सोशल स्टिगमा बनी हुई है। लोग इस भ्रम के शिकार हैं कि यह छूने से फैलता है। बल्कि यह ऑटो इम्यून डिजीज है और कई बार इसके जेनेटिक कारण होते है। लेकिन जानकारी के अभाव में लोग सफेद दाग से पीडित लोगों से दूरी बनाते हैं, जिसका मरीज पर बुरा प्रभाव पडता है। आदित्यपुर में वर्ल्ड विटिलाइगो डे पर आईएडीवीएल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ये बातें रांची से आई डा नेहा रानी ने कही। उन्होंने कहा कि अब झारखंड में वे तमाम सुविधाएं इस बीमारी को लेकर उपलब्ध है जो कभी बाहर ही उपलब्ध होती थी। कार्यक्रम में झारखंड के जमशेदपुर, रांची, धनबाद, हजारीबाग और अन्य जगहों के डर्मेटोलाजिस्ट्स और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसके अलावा राज्य के बाहर के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। जिनमें मुंबई के डॉ राजेश कुमार, राउरकेला के डाक्टर देवजीत, भुवनेश्वर एम्स के डा सीएस सरकार और अन्य ने सफेद दाग के इलाज, समाज में व्याप्त भ्रांतियों और अन्य विषयों पर अपने विचार रखे।