बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कहा कि बिहार के फैसले का केंद्र को 7 साल तक पता ही नहीं था। हालांकि उनका यह बयान वर्तमान केंद्र सरकार के बारे में नहीं है। उनका यह बयान यूपीए सरकार पर है। यानि 2013 का। मुख्यमंत्री इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन का उद्घाटन करने के लिए राजधानी पटना के बापू सभागार में पहुंचे थे। उनके बोलने की बारी आई तो वे लगभग 25 मिनट तक बोलते रहे। इस दौरान अपने सरकार के कार्यकाल की शुरुआत से लेकर अबतक के बारे में पूरी कहानी ही बता डाली।
2006 के फैसले का 2013 तक केंद्र को पता ही नहीं था
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग काम ज्यादा करते हैं प्रचार कम करते हैं। उन्होंने एक किस्सा सुनाया। डॉक्टरों से कहा कि आपलोग देश के अलग-अलग राज्यों से आए हैं, यह जान लीजिए। वर्ष 2013 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद थे। उन्होंने एक दिन फोन किया राजस्थान ने मरीजों को मुफ्त दवा देने का फैसला लिया है। वे लोग दे भी रहे हैं। हमने हंसते हुए उन्हें कहा कि 2006 में हमलोगों ने मुफ्त दवा देने की योजना लागू की थी। अगस्त 2006 से ही मुफ्त दवा दे रहे हैं। 2006 में लिए हमारे फैसले के बारे में केंद्र को पता नहीं था कि मुफ्त दवा दे रहे हैं। इसलिए हमलोग प्रचार में विश्वास नहीं करते हैं। काम करते हैं।
कोरोनाकाल में सेवा के लिए डॉक्टरों से कहा आपका चरणस्पर्श
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टरों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोरोना से मुक्ति दिलाने में आप डॉक्टरों की जो भूमिका है इसके लिए विशेष रूप से सराहना करता हूं। आप लोगों ने जो काम किया है वह सराहनीय है। आपकी सबसे बड़ी भूमिका है। जैसे लोग भगवान की पूजा करते हैं वैसे ही डॉक्टर की भी पूजा करते हैं। डॉक्टरों के लिए उन्होंने कहा कि जैसे ही खबर मिलती है कि आपके हित में काम होना चाहिए, पूरा डिपार्टमेंट लगा रहता है।