बिहार में जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस विनोद के चंद्रन और जस्टिस पार्थ सारथी की बेंच आज इस पर सुनवाई करेगी। यह सुनवाई दोपहर 2:00 के बाद की जाएगी। जिसमें जातीय गणना को लेकर सरकार अपना पक्ष रखेगी। इसके बाद यह तय होगा की जातीय जनगणना पर रोक लगेगी या फिर जारी रहेगी ये जनगणना।
“जातीय गणना कराना बिहार सरकार का संवैधानिक अधिकार नहीं“
बता दें कि जातिगत जनगणना का मुद्दा 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में उठा था। जिसमें सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि बिहार सरकार को इसे कराने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे। पटना हाईकोर्ट ने 4 मई को सुनवाई करते हुए जातीय गणना पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने डेटा नष्ट करने के भी आदेश दिए थे। जिसके बाद सरकार द्वारा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई करने से मना कर दिया था कि, यदि 3 जुलाई को पटना हाईकोर्ट सुनवाई नहीं करता है तो हम 14 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करेंगे। हाईकोर्ट की रोक के बाद बिहार सरकार ने मामले में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी, इसपर 9 मई को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए तारीख बदलने से इंकार कर दिया। बता दें कि 7 जनवरी से शुरू हुई जनगणना 15 मई को खत्म होने वाली थी, लेकिन पहले ही इसपर रोक लगा दी गई। रोक लगाने तक जातीय गणना 80% तक पूरा हो गया था।