GIRIDIH: भारतीय उद्यमी संघ के द्वारा कृषि उद्यमिता और किसी उद्यमियों के लिए एक दिवसीय कृषि संवाद का आयोजन किया गया। जिसका विषय “प्रगतिशील किसान से कृषि उद्यमिता” था।इसका आयोजन झारखंड में पहली बार केवीके गिरिडीह में हुआ। गिरिडीह झारखंड के एक पिछड़े, सूखाग्रस्त और आदिवासी क्षेत्र में आता है। इसकी महत्वता अपने आप में खनिज संपदा ही नहीं एवं विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कार्यशाला में भारतीय उद्यमी संघ के अध्यक्ष अभिषेक कुमार, एग्री इनपुट एक्सपर्ट राजा कलाम, सप्लाई चेन एक्सपोर्ट ओंकार सिंह मौजूद थे। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से किसान एवं महिलाएं शामिल हुई जोकि ट्राईब समुदाय से आती है। साथ ही सब्जी, मशरूम, बकरी पालन एवम मुर्गी पालन व्यवसाय में शामिल हैं।
खेती और प्रोसेसिंग की जानकारी
कृषि संवाद में ऐसे भी एफपीओ मिले जोकि मोटे अनाज रागी, बाजरा, जवार की खेती करें और उसको प्रोसेसिंग कर बेहतर मुनाफा कैसे कमाया जाए इसके बारे में विस्तार से चर्चा हुई। कुछ किसान रागी से बने हुए बिस्किट का उत्पादन कर रहे हैं और उसको बड़े बाजार में ले जाने के तैयारी के बारे में समझा।किसानों एवं मौजूद महिला किसानों को भारत सरकार की स्फूर्ति योजना, pmfme, standup एवं startup इंडिया इत्यादि योजनाओं के बारे में बताया गया।
अच्छे भाव में बेचने की तकनीक
अभिषेक कुमार ने युवा महिला उद्यमी प्रगतिशील किसान एवं स्टार्टअप को संबोधित करते हुए कहा कि आवश्यकता है कि हम संगठित होकर के फार्मिंग करें और प्रोडक्ट स्पेसिफिक एफपीओ बनाएं। जिससे ना केवल अपने उत्पाद को बड़ी मात्रा में उपजाया जा सकता है और उसे बाहर के बाजार में अच्छे भाव पर भी बेचा जा सकता है। उन्होंने भारत सरकार के PMFME, RAFTAAR, AIF, स्टार्टअप इंडिया, PMEGP योजनाओं के बारे में बताया | साथ ही साथ उन्होंने स्टार्टअप झारखंड और कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को पटना ऑफिस में आमंत्रित किया।
बिजनेस स्केल अप कैसे करें
उन्होंने भाग लेकर के बकरी पालन में महिलाओं के झुकाव और उनकी प्रोसेसिंग प्लांट को किस प्रकार सेट करें। साथ ही किस तरीके से अपने बिजनेस का स्केल अप करें इस संबंध में उन्हें जानकारियां दी गई। जागरूकता के अभाव में ज्यादातर प्रगतिशील किसान सरकारी योजनाओं के बारे में अनभिज्ञ थे।झारखंड के 19 डिस्ट्रिक्ट एस्पिरेशनल है और गिरिडीह भी उस में से एक है। राज्य में क्लस्टर फार्मिंग की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं। कृषि के क्षेत्र में सूती योजना का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसान को मांग आधारित फसल खेती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सप्लाई चैन एक्सपर्ट ओंकार सिंह ने बताया कि आवश्यकता है की महिला किसान महिला उद्यमी बकरी पालन मुर्गी पालन भी समूह बनाकर करें। राजा कलाम ने वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केवीके गिरिडीह के प्रमुख ने महिला किसान को संबोधित किया और उन्हें नई कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया।