बिहार में लगने वाला सबसे प्रसिद्ध मेला सोनपुर मेले की शुरूआत हो गई है। बुधवार से विश्व प्रसिद्ध ‘सोनपुर मेला’ की शुरूआत हो गई है। इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला कहा जाता है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने सोनपुर मेला का उद्घाटन किया। एक महीने चलने वाले इस मेले की कार्तिका पूर्णिमा से रौनक बढ़ जाती है। पर्यटन विभाग ने सोनपुर मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक पंडाल और आर्ट एंड क्राफ्ट विलेज बनाया है। करीब 3 किलोमीटर में फैला मेला 14 दिसंबर तक चलेगा।
इस साल मेले में सबसे महंगा 11 लाख का घोड़ा लाया गया है, जो बरोत्रा नस्ल का है। इसे राजस्थान से मंगवाया गया है। वहीं, बाहुबली अनंत सिंह भी अपने घोड़े के साथ मेले में आएंगे। दूध और ड्राई फ्रूट खाने वाला उनका बुलेट राजा इस बार आकर्षण का केंद्र होगा। गंगा और गंडक नदी के संगम पर 500 एकड़ में पशु मेला की शुरुआत कब से हुई इसकी स्पष्ट जानकारी तो नहीं, लेकिन उत्तर वैदिक काल से इसे जोड़ा जाता है। सदियों से ये पशुओं का मेला लगता आ रहा है, जहां बड़े पैमाने पर पशुओं की खरीद बिक्री होती है।
वहीं, इस बार मेले में आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए 6 स्विस कॉटेज बनाए गए हैं, जिनमें पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी। 16 नवंबर को प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर का भी कार्यक्रम होगा। मेले में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोनपुर मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए की सोनपुर में भी बाबा हरिहर नाथ के नाम पर कॉरिडोर बनाए बनाया जाएगा। जिसको देखने के लिए लाखों लोग आएंगे। सोनपुर के 10 हजार एकड़ खाली पड़े भूमि में उद्योग लगाने के साथ ही एक अलग टाउनशिप बसाया जाएगा, ताकि सोनपुर का विकास हो। हालांकि इसके साथ ही पटना और हाजीपुर का भी विकास हो रहा है। इसके लिए बिहार सरकार का खजाना सोनपुर सहित सारण जिले के लिए खोल दिया गया है। बिहार की छवि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किए जाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बदलते समय में मेले का स्वरूप में भी काफी तेजी से बदलाव हुआ है।