देश की राजनीति का केंद्र फिलहाल बिहार की राजधानी पटना बना हुआ है। भाजपा के विरोध वाले 15 दलों के नेता इस बात पर मंथन के लिए पटना में जुटे हैं कि क्या वे एक साथ चल सकते हैं। अगले लोकसभा चुनाव में ये दल साथ आने की संभावनाओं को तलाश करने के बिहार आए हैं। इस बीच सियासत से खाली मिले वक्त को कुछ नेताओं ने इबादत करने पहुंच गए। दरअसल, बैठक तो 23 जून को निर्धारित थी लेकिन कुछ नेता 22 जून को ही पहुंच गए। ऐसे में उनके पास पर्याप्त खाली वक्त था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने मजहबी इबादत के लिए किया।
विपक्षी दलों का मेल बना तो 155 सीटों वाले छह राज्यों में कांग्रेस बस नाम की रह जाएगी!
महबूबा ने युसूफ शाह की दरगाह पर फातिहा
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती सबसे पहले पटना पहुंचने वाली नेता रहीं। पटना पहुंचने के बाद वे न नीतीश कुमार से मिलीं और न ही लालू यादव से। वे स्टेट गेस्ट हाउस में थोड़ी देर आराम करने के बाद नालंदा निकल गईं। नालंदा के इस्लामपुर प्रखंड की बेशवक पंचायत के कश्मीरीचक गांव पहुंची महबूबा ने वहां सुल्तान युसुफ शाह चक के मजार पर चादरपोशी की। दरअसल, मुगल काल में युसूफ शाह कश्मीर के सुल्तान थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अकबर कश्मीर पर हमला करने की सोच रहा है। तो वे उससे मिलने आगरा पहुंचे। अकबर ने युसूफ शाह को गिरफ्तार करवा दिया। बाद में युसूफ शाह की रिहाई इस शर्त पर हुई कि वे कश्मीर नहीं जाएंगे। इसके बाद युसूफ शाह बिहार आ गए और कश्मीरीचक में रहने लगे। महबूबा ने यहां उनके मजार पर फातिहा भी पढ़ा।
मां और केजरीवाल के साथ मान पहुंचे गुरुद्वारा
वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ गुरुवार को पटना सिटी स्थित तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। यहां उन्होंने मत्था टेका और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सभी को सरोपा प्रदान किया गया। इस दौरान भगवंत मान के साथ उनकी मां और पत्नी भी मौजूद रहे।