नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) को लेकर देश में गुस्से का माहौल है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। त्रिवेदी ने कहा कि जहां पूरा देश इस हमले के खिलाफ आक्रोश में है और जन-जन की मांग है कि इसका कठोर जवाब दिया जाए, वहीं कांग्रेस के कुछ नेता वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है।
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर आधारित आतंकी समूहों को जिम्मेदार ठहराया और कई कूटनीतिक कदम उठाए, जैसे कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करना।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की भावना के अनुरूप अपना संकल्प व्यक्त किया है कि इस घटना को अंजाम देने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। लेकिन यह बेहद दुखद है कि कांग्रेस के कुछ नेता उसी भाषा में बोल रहे हैं जो पाकिस्तान के गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री बोल रहे हैं।”
उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान पर विशेष रूप से निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘युद्ध कोई विकल्प नहीं है’। त्रिवेदी ने इसे पाकिस्तान की भाषा करार देते हुए कहा, “कांग्रेस ने कहा था कि वह सरकार के साथ है, लेकिन कुछ ही दिनों में उनके चेहरे से नकाब हट गया। हम कांग्रेस से जवाब मांगते हैं।”
त्रिवेदी ने सिद्धारमैया को नसीहत देते हुए कहा, “जहां तक विकल्प की बात है, यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी और हमारी तीनों सेनाओं के प्रमुखों पर छोड़ दें। आप रक्षा विशेषज्ञ बनने की कोशिश न करें।”
पहलगाम के बैसारन मीडो में हुए इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा नियम सख्त कर दिए। दूसरी ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की “तटस्थ जांच” में सहयोग की पेशकश की है, लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा था कि दोषियों को सजा दी जाएगी, जिसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने कई अहम फैसले लिए। इस घटना ने देश में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को और मजबूत किया है।
मालूम हो कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हमले के लिए केंद्र सरकार की खुफिया विफलता को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि युद्ध कोई समाधान नहीं है। उनके इस बयान की विपक्षी दलों, खासकर भाजपा ने कड़ी आलोचना की है।
इस घटना ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव को उजागर किया है, और देश की जनता सरकार से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों की उम्मीद कर रही है।