हुगली: केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने मंगलवार को ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने शरणार्थी शिविरों को बंद कर दिया, लेकिन प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक आवास की कोई व्यवस्था नहीं की गई। मजूमदार ने दावा किया कि इन लोगों को धमकी देकर मालदा से मुर्शिदाबाद भेज दिया गया, जहां हालात इतने खराब हैं कि वहां रहना संभव नहीं है। हुगली में पत्रकारों से बात करते हुए मजूमदार ने कहा, “शिविर बंद कर दिया गया है, लेकिन इसकी कोई व्यवस्था नहीं है कि शिविर छोड़ने के बाद लोग कहां रहेंगे। उन्हें धमकी देकर मालदा से मुर्शिदाबाद भेज दिया गया।
मैं कल वहां की स्थिति देखकर आया हूं, स्थिति ऐसी है कि कोई भी वहां नहीं रह सकता।” उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद और कई अन्य जिलों को बांग्लादेश में बदलने में सफल रही हैं। हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।” मुर्शिदाबाद में हालिया हिंसा और जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा मजूमदार का यह बयान मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा (11-12 अप्रैल, 2025) की पृष्ठभूमि में आया है। इस हिंसा को लेकर ममता बनर्जी ने इसे “पूर्व नियोजित सांप्रदायिक दंगे” करार देते हुए केंद्र सरकार पर सीमा सुरक्षा में विफलता का आरोप लगाया था। दूसरी ओर, मजूमदार ने पहले दावा किया था कि मुर्शिदाबाद और शमशेरगंज में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से लोग मालदा की ओर पलायन कर रहे हैं और शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता
एक रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया सूत्रों ने पश्चिम बंगाल में जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी 2011 में 67% थी, जो 2025 तक बढ़कर 70% हो सकती है। इस बदलाव के पीछे उच्च जन्म दर, बांग्लादेश से अवैध प्रवास और रोहिंग्या समुदाय की घुसपैठ को कारण बताया गया है। मजूमदार ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा और इसे राज्य में बढ़ते अपराध और अस्थिरता का कारण बताया।
मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ममता बनर्जी ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर हिंसा में बांग्लादेश से तत्व शामिल हैं, तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि सीमा की सुरक्षा बीएसएफ के अधीन है। उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे और प्रभावित दुकानदारों के लिए मरम्मत सहायता की घोषणा की थी। साथ ही, बंग्लर बारी योजना के तहत नए घर बनाने का वादा किया था।
भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले ने पश्चिम बंगाल की सियासत को गरमा दिया है, जहां भाजपा और टीएमसी के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है। मजूमदार ने एकजुट होकर इस स्थिति का मुकाबला करने की अपील की है, जबकि ममता सरकार ने हिंसा को नियंत्रित करने और पीड़ितों की मदद के लिए कदम उठाने का दावा किया है।