सुपौल (बिहार)। बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर बड़ा मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में आयोजित मछुआरा दिवस के सरकारी कार्यक्रम में शराब के नशे में पहुंचे जिला मत्स्य पदाधिकारी (DFSO) शंभू कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह कार्रवाई कार्यक्रम समाप्त होने के तुरंत बाद की गई, जब जिलाधिकारी (DM) सावन कुमार ने उनके नशे की पुष्टि करने के बाद सख्त कदम उठाया।
मंत्री और DM की मौजूदगी में हुआ विवाद
गुरुवार को सुपौल के टाउन हॉल में धूमधाम से मछुआरा दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू, डीएम सावन कुमार, नगर परिषद् सुपौल के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसके बाद अधिकारियों ने मछुआरों को संबोधित किया।
इसी दौरान एक मछुआरे ने डीएफओ शंभू कुमार पर मछली पालन किट वितरण के बदले अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए डीएम से शिकायत की। जब डीएम ने शंभू कुमार को अपने पास बुलाया, तो उनके मुंह से तेज शराब की गंध आ रही थी। इस पर डीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यक्रम से बाहर जाने का आदेश दिया और बाद में जिला अतिथि गृह में तलब किया।
ब्रेथ एनालाइजर से हुई पुष्टि, फिर हुई गिरफ्तारी
डीएम के निर्देश पर उत्पाद विभाग की टीम ने शंभू कुमार का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया, जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर उत्पाद विभाग के कार्यालय ले जाया गया। डीएम के आदेशानुसार उनका ब्लड और यूरिन सैंपल भी लिया गया। उत्पाद निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि डीएम को शंभू कुमार के नशे में होने की आशंका थी, जो जांच में सही साबित हुई।
यह पहली बार नहीं, पहले भी हुई है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब शंभू कुमार शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। इससे पहले 9 मार्च 2024 को भी उन्हें बिहार उत्पाद अधिनियम के तहत शराब सेवन के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उस समय 2500 रुपये जुर्माना भरने के बाद उन्हें रिहा किया गया था। तत्कालीन डीएम कौशल कुमार ने स्पष्ट किया था कि कानून के सामने सभी बराबर हैं।
DM का सख्त रुख, शराबबंदी कानून का पालन जरूरी
डीएम सावन कुमार ने इस मामले में स्पष्ट किया कि शंभू कुमार एक सरकारी अधिकारी होने के बावजूद शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम में नशे की हालत में पहुंचना गंभीर अनुशासनहीनता है। बिहार सरकार शराबबंदी कानून के उल्लंघन को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगी।”