Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार में चुनाव आयोग (ECI) द्वारा शुरू की गई विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 12 और 13 अगस्त की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने साफ किया कि अगर इस प्रक्रिया में कोई अनियमितता पाई गई तो वह हस्तक्षेप करने से नहीं हिचकेगी।
24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में SIR प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया था, जिसका मकसद मतदाता सूची को शुद्ध करना और गैर-नागरिकों को हटाना बताया गया था। हालांकि, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) समेत कई याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 का उल्लंघन करती है।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं से 8 अगस्त तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। साथ ही, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग अपनी अधिसूचना से जरा भी विचलित होता है… तो हम हस्तक्षेप करेंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे ऐसे 15 लोगों को सामने लाएं जिनके बारे में दावा है कि वे मृत हैं लेकिन वास्तव में जीवित हैं।
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि SIR प्रक्रिया के बाद मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है और इसे सभी राजनीतिक दलों को भेजा गया है। आयोग ने कहा कि सूची उसकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में कई लोगों को गलत तरीके से मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है, जिससे उनका मतदान का अधिकार छिन जाएगा।