नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अशोका विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया है। यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चल रही जांच के बीच आया है।
अली खान महमूदाबाद, जो अशोका विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं, को हरियाणा राज्य महिला आयोग ने उनकी टिप्पणियों के लिए तलब किया था। आयोग ने उनकी पोस्ट को भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अधिकारियों का अपमान करने वाला और सांप्रदायिक अशांति को बढ़ावा देने वाला माना था।
प्रोफेसर महमूदाबाद ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा करने वाले दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों से बीजेपी की कथित नफरत फैलाने वाली नीतियों के शिकार लोगों की सुरक्षा की मांग की थी।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक अन्य मामले में भारतीय सेना की महिला अधिकारियों को सेवा से मुक्त करने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान स्थिति में उनकी सेवाओं का उपयोग करना जरूरी है, खासकर भारत-पाक तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद।
अशोका विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर महमूदाबाद की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि ये उनके निजी विचार हैं, जो विश्वविद्यालय की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। विश्वविद्यालय ने भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति अपनी पूर्ण समर्थन की बात दोहराई है।
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अभी भी विचाराधीन है, और आने वाले दिनों में इस पर और सुनवाई होगी।