नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने पहलगाम जैसे संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को कड़े इंतजाम करने का निर्देश देने की मांग की थी।
पिछले महीने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन वैली में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें दो विदेशी और छह लोग महाराष्ट्र के थे। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-ताइबा का एक सहयोगी संगठन है। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था, जिसके बाद भारत ने 23 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए कड़ा विरोध जताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “आप चाहते हैं कि हम आपके खिलाफ ही कोई आदेश जारी करें?” कोर्ट का यह रुख उन जनहित याचिकाओं के प्रति उसकी नाराजगी को दर्शाता है, जिन्हें वह जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप करने वाला मानता है। इस मामले ने आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और प्रशासन के बीच संतुलन को लेकर चल रही बहस को फिर से हवा दे दी है।
पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन इस घटना ने क्षेत्र में पर्यटन और सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है।