पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने आजाद कर दिया है। ये सभी आरोपियों को राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। ये आरोपी पिछले 30 साल से जेल में बंद है। लेकिन आज यानी शुक्रवार को कोर्ट ने नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है। दोषियों के अच्छे आचरण को आधार बना कर कोर्ट ने उन्हें रिहाई देने का फैसला लिया है।
मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा
इससे पहले एक और दोषी पेरारिवलन को जिसे मौत की सजा सुनाई जा चुकी थी उसे भी मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था। जिसके बाद नलिनी श्रीहर और आरपी रविचंद्रन मद्रास हाई कोर्ट में अपनी और बाकि दोषीयों की रिहाई को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया था। 17 जून को मद्रास हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। फिर हाईकोर्ट के फैसले को उनलोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलते हुए सभी 6 दोषियों को रिहा कर का निर्देश दिया है।
चुनाव प्रचार में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या एक चुनाव प्रचार के दौरान की गई थी। दरअसल 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी एक चुनावी रैली कर रहे थे। इसी दौरान श्रीलंका के एक उग्रवादी संगठन लिट्टे की सदस्य धनु की आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या की थी। चुनावी सभा के दौरान राजीव गांधी लोगों से मिल रहे थे। इसी दौरान धनु भी उन्हें माला पहनाया और पैर छुआ और अपने कमर पर बंधे विस्फोटक को बलास्ट कर दिया। जिसमें राजीव गांधी समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 45 से अधिक लोग गंबीर रूप से घायल हुए थे।




















