गया। कांग्रेस की तेज़तर्रार नेत्री सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने गया में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “इतिहास की सबसे छोटी प्रेस कॉन्फ्रेंस” करके बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने यह साबित कर दिया कि उन्हें न तो बिहार की जनता का सामना करने की हिम्मत है और न ही मीडिया के सवालों का जवाब देने की। सुप्रिया ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “7 सेकंड में प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई और नेता भाग निकले — यही है 20 साल की ‘गुड गवर्नेंस’ का रिपोर्ट कार्ड।”
उन्होंने कहा कि 20 साल सत्ता में रहने के बाद भी एनडीए के पास जनता को दिखाने के लिए कुछ नहीं है। बिहार की जनता अब जवाब मांग रही है कि इतने लंबे शासनकाल में शिक्षा, रोजगार, और उद्योग के क्षेत्र में क्या उपलब्धियां हासिल हुईं। श्रीनेत ने कहा कि बिहार आज भी पलायन, पेपर लीक और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, जो सरकार की नाकामी को उजागर करता है।
सुप्रिया ने कहा, “जब महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र जारी किया, हमने जनता को बताया कि हम वादे कैसे पूरे करेंगे। हमने अपनी नीतियों की स्पष्ट रूपरेखा दी, क्योंकि हमारा घोषणापत्र जनता की आवाज है। लेकिन एनडीए के पास न योजना है, न जवाब।”
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें शाह ने कहा था कि बिहार में उद्योग नहीं लग सकते क्योंकि यहां जमीन की कमी है। श्रीनेत ने तंज कसते हुए कहा कि “जब उद्योग लगाने की बात आती है तो जमीन नहीं मिलती, लेकिन जब अडानी को जमीन देनी होती है तो सरकार हजार एकड़ जमीन 1 रुपए प्रति एकड़ में दे देती है। यही है डबल इंजन सरकार की सच्चाई।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में नौकरियों का अकाल है, परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो जाता है और युवाओं की आवाज को पुलिस की लाठियों से दबाया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए ने वास्तव में बिहार के लिए कुछ किया होता, तो आज बिहार के युवा रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों की ट्रेनों में “भेड़-बकरियों की तरह” यात्रा करने को मजबूर नहीं होते।






















