नई दिल्ली : एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2971 में मंगलवार को तकनीकी खराबी के कारण देरी हुई, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इस फ्लाइट में सवार एनसीपी (शरद गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली से पुणे जा रही इस उड़ान में तीन घंटे से अधिक की देरी हुई, साथ ही स्पष्ट संचार, अपडेट और सहायता की कमी रही। सुले ने इसे “बहुत खराब सेवा” करार देते हुए कहा कि ऐसी देरी और गैर-प्रबंधन एयर इंडिया में आम बात बनती जा रही है।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब 13 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 737 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 240 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा भारत में पिछले एक दशक का सबसे भीषण विमान हादसा माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हादसे में लैंडिंग गियर के गलत समय पर नीचे होने जैसे संकेत मिले हैं, जो तकनीकी खराबी या मानवीय त्रुटि की ओर इशारा करते हैं। इस घटना के बाद एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब कंपनी का 2022 में टाटा ग्रुप द्वारा अधिग्रहण के बाद रखरखाव और संचालन में कई चुनौतियां सामने आई हैं।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारतीय एयरलाइंस में तकनीकी देरी में 15% की वृद्धि हुई है, जिसमें एयर इंडिया की हिस्सेदारी 22% रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि विस्तारा के साथ विलय और रखरखाव प्रणाली के एकीकरण में आई दिक्कतें इसके पीछे की वजह हो सकती हैं। हाल ही में डीजीसीए ने दोनों एयरलाइंस को विमान रखरखाव संचालन को एकीकृत करने की मंजूरी दी थी, लेकिन इस प्रक्रिया में देरी और संसाधनों की कमी ने समस्याओं को बढ़ाया है।
सुप्रिया सुले, जो हाल ही में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर पेश करने वाली सर्वदलीय delegaton का हिस्सा थीं, ने इस मुद्दे को उठाकर अपनी सक्रिय राजनीतिक भूमिका को दोहराया है। उनका ट्वीट न केवल उनकी निजी असुविधा को दर्शाता है, बल्कि एयर इंडिया की सेवा में सुधार की मांग को भी रेखांकित करता है। इस घटना ने यात्रियों और विमानन विशेषज्ञों के बीच चिंता पैदा कर दी है, जो अब सरकार और एयरलाइंस से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
एयर इंडिया और टाटा ग्रुप के लिए यह स्थिति एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कंपनी अपनी प्रतिष्ठा और सुरक्षा रिकॉर्ड को फिर से स्थापित करने की कोशिश में है। इस बीच, अहमदाबाद हादसे की जांच जारी है, जिसमें बोइंग और भारतीय अधिकारियों की संयुक्त टीम शामिल है। यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति पर नजर रखें, क्योंकि तकनीकी समस्याओं का सिलसिला जारी रह सकता है।