नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में भाजपा प्रवक्ता बने गौरव वल्लभ ने अपनी पुरानी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ‘कांग्रेस की चाटुकारिता और परिवारवाद’ को उजागर करते हुए बताया कि पार्टी में नेताओं को पद और सम्मान उनकी काबिलियत से नहीं, बल्कि ऊपर बैठे नेताओं की पसंद-नापसंद से मिलता है।
‘मटन लाने की योग्यता’ से राज्यसभा की सीट!
पत्रकार आदेश रावल के साथ एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में गौरव वल्लभ ने एक सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस में ऐसे नेता भी हैं जिन्हें महज़ इसलिए दो बार राज्यसभा भेज दिया गया क्योंकि वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए दिल्ली की सबसे अच्छी मटन की दुकान जानते हैं।
उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा जम्मू-कश्मीर के प्रभारी नासिर हुसैन की ओर था। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस में मैं ऐसे आदमी को जानता हूं जो खरगे साहब के करीबी हैं। उनकी बस एक ही योग्यता है कि उन्हें दिल्ली में मटन कहां अच्छा मिलता है, यह पता है। मैं शुद्ध शाकाहारी हूं, लेकिन कांग्रेस में ‘मटन राज्यसभा की योग्यता’ बन चुकी है।”
‘पीए कल्चर’ और परिवारवाद का कड़वा सच
गौरव वल्लभ ने कांग्रेस के अंदरूनी वर्किंग कल्चर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में ‘पीए कल्चर’ (Personal Assistant Culture) इतना हावी है कि बड़े नेता ज़मीनी कार्यकर्ताओं की राय की जगह अपने पीए की सलाह पर फैसले लेते हैं। इससे पार्टी में योग्यता और मेहनत का कोई मूल्य नहीं रह गया है।
उन्होंने गांधी परिवार पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद और भेदभाव चरम पर है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत का कोई मोल नहीं, बल्कि नेताओं के खास लोगों को ही फायदा मिलता है।
‘कांग्रेस में अब विचारधारा नहीं, केवल निजी स्वार्थ’
गौरव वल्लभ ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस इसलिए छोड़ी क्योंकि पार्टी अब विचारधारा से नहीं, बल्कि निजी हितों और चाटुकारिता से चल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में योग्यता की कद्र खत्म हो चुकी है और यही वजह है कि पार्टी का लगातार पतन हो रहा है।