दमिश्क : अमेरिका ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में 12 साल बाद अपने दूतावास को फिर से खोल दिया है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नई शुरुआत का संकेत देता है। यह दूतावास 2012 में सीरियाई गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद बंद कर दिया गया था। गुरुवार को दूतावास के परिसर में अमेरिकी ध्वज एक बार फिर फहराया गया, जिसे कूटनीतिक हलकों में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्तों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ट्रंप ने इस दौरान सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
अल-शरा, जो पहले अल-कायदा से जुड़े एक इस्लामी विद्रोही समूह के नेता थे, अब सीरिया की नई सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिका अभी भी उनके संगठन को आतंकवादी सूची में रखता है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने अल-शरा के प्रति व्यावहारिक रुख अपनाया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 20 मई 2025 को एक बयान में कहा था कि दूतावास को फिर से खोलने में सुरक्षा संबंधी चिंताएं एक बड़ी बाधा थीं। सीरिया में अभी भी कई सशस्त्र गुट सक्रिय हैं, जिनमें असद समर्थक अलावी समूह और इस्लामिक स्टेट के अवशेष शामिल हैं, जो अल-शरा सरकार के साथ संरेखित नहीं हैं। इन खतरों के बावजूद, अमेरिका ने दूतावास को फिर से शुरू करने का फैसला किया। तुर्की में अमेरिकी राजदूत और सीरिया के लिए विशेष दूत टॉम बैरक ने दूतावास का औपचारिक उद्घाटन किया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक बयान जारी कर टॉम बैरक की नियुक्ति की पुष्टि की और कहा, “टॉम समझते हैं कि सीरिया के साथ मिलकर काम करने से कट्टरपंथ को रोकने, संबंधों को बेहतर बनाने और पश्चिम एशिया में शांति लाने की व्यापक संभावनाएं हैं। साथ मिलकर हम अमेरिका और पूरी दुनिया को एक बार फिर सुरक्षित बना सकते हैं।”
इस कदम का क्षेत्रीय स्तर पर मिश्रित प्रभाव देखने को मिला है। इजरायल ने सीरिया पर से प्रतिबंध हटाने का विरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे सीरिया में मानवीय सहायता और विदेशी निवेश बढ़ेगा, जिससे क्षेत्रीय समीकरण बदल सकते हैं। इजरायल के अधिकारियों ने अल-शरा को अभी भी एक जिहादी नेता के रूप में देखा है, भले ही उन्होंने 2016 में अल-कायदा से नाता तोड़ लिया था। दूसरी ओर, ट्रंप ने कहा है कि मध्य पूर्व के देशों के साथ उनके संबंध इजरायल के लिए फायदेमंद हैं।
पृष्ठभूमि और भविष्य की संभावनाएं
सीरिया में दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सत्ता समाप्त होने और अल-शरा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने धीरे-धीरे अपने रुख में बदलाव किया है। दोनों देशों ने इस्लामिक स्टेट के अवशेषों से निपटने और असद शासन की जेलों से रिहा हुए अमेरिकी नागरिकों को खोजने जैसे मुद्दों पर सहयोग शुरू किया है। दूतावास का फिर से खुलना दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।