विरुधुनगर: तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के सत्तूर के पास एक पटाखा निर्माण फैक्ट्री में रविवार को भीषण विस्फोट होने की खबर सामने आई है। यह हादसा उस क्षेत्र में हुआ, जो देश में पटाखा उत्पादन के सबसे बड़े केंद्रों में से एक के रूप में जाना जाता है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि फैक्ट्री के आसपास का इलाका धुएं और मलबे से भर गया।
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। अभी तक हताहतों की संख्या या नुकसान की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इस हादसे में कई लोग प्रभावित हो सकते हैं।
विरुधुनगर जिला पहले भी पटाखा फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों के लिए चर्चा में रहा है। इस साल की शुरुआत में जनवरी 2025 में सत्तूर में एक अन्य पटाखा इकाई में विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि फरवरी 2025 में कोविलपुलिकुथी में हुए एक और विस्फोट में एक महिला की मौत और सात लोग घायल हो गए थे। पिछले 11 सालों में जिले में 294 पटाखा इकाई दुर्घटनाओं में कम से कम 460 लोगों की जान जा चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन हादसों का मुख्य कारण मानवीय त्रुटियां, असुरक्षित रसायनों का मिश्रण, और अपर्याप्त सुरक्षा मानकों का पालन न करना है। इसके अलावा, तमिलनाडु की पटाखा इंडस्ट्री में ऑटोमेशन की कमी भी एक बड़ी समस्या है। ऑटोमेशन मशीनों की लागत (₹25-30 लाख प्रति मशीन) इतनी अधिक है कि छोटे कारखाने इसे वहन नहीं कर पाते, जिसके चलते वे मैनुअल श्रम पर निर्भर रहते हैं, और इससे जोखिम बढ़ जाता है।
स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विस्फोट का कारण क्या था। इस बीच, यह घटना एक बार फिर पटाखा उद्योग में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े करती है।